10 में से एक व्यक्ति भारत में किडनी की बीमारी का शिकार

01 लाख में 20 लोग किडनी की बीमारी से पीडि़त हैं यूपी में

- दवाओं के चलते किडनी में खून की सप्लाई हो जाती है कम

LUCKNOW: कोरोना का कहर उन लोगों पर भी ज्यादा देखने को मिल रहा है, जिन्हें किडनी की समस्या है। इटली में जब कई कोरोना संक्रमितों का पोस्टमार्टम किया गया तो पता चला कि मृतकों की किडनी में भी परिवर्तन आया था। हालांकि डॉक्टर्स के अनुसार कोरोना का किडनी पर क्या असर हो रहा है, इसे ठीक से समझने के लिए काफी रिसर्च की जरूरत है।

शरीर पहले से कमजोर होता है

पीजीआई के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। अमित गुप्ता ने बताया कि भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति को गुर्दे की समस्या है। वहीं यूपी में हर 10 लाख लोगों में 200 लोग इस समस्या का शिकार हैं। किडनी के मरीजों में कोरोना संक्रमण का असर ज्यादा देखा जा रहा है। इसका कारण है कि इस बीमारी के शिकार व्यक्तियों की बॉडी कमजोर होने से उनकी इम्युनिटी कंप्रोमाइज हो जाती है। किडनी के मरीजों की अगर डायलिसिस चल रही होती है तो उनका शरीर और भी कमजोर हो जाता है। इसके साथ डायबिटीज होने से इन्फेक्शन होने के चांसेज भी बढ़ जाते हैं।

किडनी पर होता है असर

किडनी के मरीज अगर कोरोना का शिकार होते हैं तो उनमें नई दिक्कतें देखने को मिल रही हैं, क्योंकि कोरोना लंग्स को प्रभावित करता है। ऐसे में अगर कोरोना मरीज को निमोनिया होने पर वेंटिलेटर पर ले जाया जाए तो उसकी किडनी काम करना बंद कर सकती है। कारण यह है कि मरीज के फेफड़ों में पानी भरने लगता है और इस पानी को हटाने के लिए जो दवा दी जाती है, उससे किडनी में होने वाले खून की सप्लाई प्रभावित होती है। इससे शरीर में खून के तेजी से जमने से थक्के आसानी से बनने लगते हैं। यह समस्या किडनी के उन मरीजों में देखी जा रही है, जिन्हें डायलिसिस की जरूरत है।

नहीं दे सकते हैं कई दवाएं

डॉ। अमित गुप्ता ने बताया कि कोविड के मरीजों को रेमडेसिविर दवा देने से संक्रमण का कम असर होता है लेकिन अगर किसी की किडनी का फंक्शन एक तिहाई से कम है तो उसे यह दवा नहीं दी जा सकती है। कारण यह है कि इस दवा का असर सीधे लिवर पर होता है।

किडनी में हो रहा बदलाव

डॉ। गुप्ता ने बताया कि जिस तरह लंग्स में फाइब्रोसिस इन्फेक्शन हो जाता है, उसी तरह कोरोना मरीजों की किडनी में फाइब्रोसिस इन्फेक्शन देखा जा रहा है। आम शब्दों में कहें तो गुर्दे की छन्नियों खराब हो रही हैं। जिससे मरीज को यूरिन कम होने लगती है और उसकी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं। इससे मरीज का बीपी भी गिरने लगता है और इसका ब्लड की सप्लाई पर भी असर पड़ता है।

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टांसप्लांट के मरीज रखें अधिक ध्यान

डॉ। अमित गुप्ता के अनुसार उनके यहां ट्रांसप्लांट के कई मरीज भर्ती है। इन मरीजों को जो दवा दी जाती हैं, उनसे इम्युनिटी कम हो जाती है, जिससे उनके कोरोना संक्रमित होने के चांस बढ़ सकते हैं। इसे देखते हुए अभी ट्रांसप्लांट नहीं हो रहे हैं। ऐसें में इन मरीजों को अपना अधिक ध्यान रखने की जरूरत है।

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इन चीजों का रखें ध्यान

- लोगों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखें

- मास्क और ग्लब्स पहनकर ही रहें

- जिन्हें खासी, जुकाम है, उनसे दूर रहें

- दवाएं समय पर लेते रहें

कोट

किडनी पेशेंट की इम्युनिटी पहले से ही कमजोर होती है, जिससे उनमें कोरोना का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। इस समय किडनी के मरीजों को बाकी लोगों से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

डॉ। अमित गुप्ता, एचओडी नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट, पीजीआई

Posted By: Inextlive