- टिकट न मिलने के कारण कई उम्मीदवारों के चेहरे पर छाई मायूसी

- टिकट फाइनल होने से पहले ही वोट बैंक मजबूत करने के लिए जेब कर दी ढीली

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LUCKNOW: उम्मीद थी कि टिकट उनके नाम पर ही फाइनल होगा, सुबह से शाम तक जनसंपर्क कर रहे थे, बैनर-पोस्टर लगाकर लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन जैसे ही टिकट की लिस्ट फाइनल हुई, कई उम्मीदवारों के सपने टूट गए। ऐसे उम्मीदवारों पर दोहरी मार पड़ी है, एक तो अब वह पार्टी सिंबल से चुनावी रण में नहीं उतर पाएंगे, वहीं दूसरी तरफ चुनाव प्रचार को लेकर बहाए गए लाखों रुपये भी बर्बाद हो गए। जाहिर सी बात है इस दोहरी मार से उम्मीदवारों के चेहरे पर मायूस के भाव स्पष्ट रूप से नजर आने लगे हैं।

टांग दिए थे बैनर-पोस्टर

निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही कई उम्मीदवारों ने खुद के नाम पर टिकट कंफर्म मान लिया था और वार्डो में प्रचार प्रसार शुरू कर दिया था। कई उम्मीदवारों ने बकायदा वार्डो की गली-मोहल्लों में बैनर पोस्टर भी टांग दिए थे। इसमें उन्हें खासा खर्च भी किया था। टिकट फाइनल होने के बाद अब उनकी सारी कवायद पर पानी फिर चुका है।

दे रहे थे शुभकामना

चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद उम्मीदवारों की ओर से हर वो कदम उठाए जा रहे थे, जिससे उनका वोट बैंक मजबूत हो सके। उम्मीदवारों की ओर से त्योहारों को आधार बनाकर जनता को शुभकामनाएं देने के लिए भी बैनर-पोस्टर बनवाए गए थे। इसमें भी खासा खर्च किया गया।

हमारे साथ खेल हुआ

जिन उम्मीदवारों का टिकट रूपी पत्ता कट चुका है, अब वह पार्टी की रणनीति को कोसने में जुटे हुए हैं। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि साजिश के तहत उनका टिकट काटा गया है। कई उम्मीदवारों का कहना है कि पार्टी से टिकट न मिला तो क्या हुआ, अब वे लोग निर्दलीय के रूप में चुनावी रण में उतरेंगे और करारा जवाब देंगे।

ताकत दिखानी शुरू कर दी

जिन उम्मीदवारों के नाम पर टिकट फाइनल हो गया है। उन्होंने अब वार्ड में ताकत दिखाने का काम शुरू कर दिया है। इसका मतलब यह है कि घोषित उम्मीदवारों ने जनसंपर्क बढ़ा दिया है साथ ही बैठकों के माध्यम से भी वोट बैंक मजबूत करने की जुगत में लग गए हैं। उनका पूरा प्रयास यही है कि मतदान से पहले-पहले वार्ड की गलियों में वोट बैंक मजबूत कर लिया जाए।

दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म

टिकट फाइनल होने के बाद वार्डो में चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है। इसकी वजह यह है कि जनता जिस उम्मीदवार के मैदान में आने का इंतजार कर रही थी, अब उसे मिलने वाला टिकट ही कैंसिल हो गया है। इसके बाद अब जनता ऐसे उम्मीदवार की तलाश करने में जुट गई है, जो वार्ड में विकास की बयार ला सके। हालांकि एक बात यह भी देखने को मिल रही है कि जनता की ओर से खुलकर किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया जा रहा है। इससे साफ है कि इस बार जनता उसी उम्मीदवार के खाते में वोट डालेगी, जो विकास कराएगा।

नए सिरे से बना रहे रणनीति

टिकट फाइनल होने के बाद अब उम्मीदवार नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं। जिन उम्मीदवारों के नाम पर टिकट फाइनल हुए हैं, वे लोग वार्ड की नब्ज टटोलने में लग गए हैं। वे लोग अपने संपर्क सूत्रों के माध्यम से यह पता लगाने में जुटे हुए हैं कि वार्ड में किसकी क्या स्थिति चल रही है और उनकी पोजीशन क्या है। इसके साथ ही उम्मीदवारों की ओर से अपने चुनावी एजेंडे को भी घर-घर पहुंचाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है।

Posted By: Inextlive