- अब तक 200 से अधिक स्टाफ हो चुका है कोरोना संक्रमित

- प्रशासनिक अमले से लेकर मरीजों की देखभाल के लिए नए सिरे से हो रहा काम

LUCKNOW:

राजधानी में कोरोना मरीजों का इलाज केजीएमयू में भी किया जा रहा है। चिंता की बात यह है कि यहां के वीसी, डीन, सीएमएस, एमएस समेत करीब 200 से अधिक डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। ऐसे में यहां काम करने वाले कर्मचारियों और मरीजों में भी संक्रमित होने की चिंता बढ़ गई है। इसे देखते हुए प्रशासनिक अमले से लेकर मरीजों की देखभाल तक नए सिरे से काम किया जा रहा है।

वीसी, सीएमएस भी संक्रमित

केजीएमयू के वीसी लेफ्टीनेंट जनरल डॉ। बिपिन पुरी, कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी, सीएमएस प्रो। एसएन शंखवार, एमएस प्रो। बीके ओझा समेत कई प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों समेत कई विभागों के एचओडी और डॉक्टर्स भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। यही नहीं माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की हेड और इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी की अध्यक्ष डॉ। अमिता जैन भी संक्रमित है, जिनके ऊपर कोविड टेस्टिंग की भी जिम्मेदारी है। इसे देखते हुए वीसी लेफ्टिनेंट जनरल डॉ। बिपिन रावत ने बॉयोकेमिस्टी के हेड प्रो। अब्बास अली को नया एमएस बनाया है। प्रो। ओझा के ठीक होने तक यही सारे जरूरी कामकाज देखेंगे।

ऑनलाइन हो रही हैं मीटिंग

केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो। सुधीर सिंह ने बताया कि संस्थान के अधिकतर प्रशासनिक अधिकारियों के संक्रमित होने के बाद भी सभी काम पहले की तरह जारी हैं। यहां जितने भी संक्रमित हुए हैं, सभी बिना लक्षण वाले हैं, ऐसे में काम पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। सुरक्षा कारणों से सभी मीटिंगें ऑनलाइन की जा रही हैं। जो डॉक्टर संक्रमण का शिकार हुए हैं, वे भी फोन से अपनी सुविधाएं दे रहे हैं।

पहले से थी तैयारी

संस्थान के प्रवक्ता प्रो। सुधीर सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए पहले से ही कई कमेटियां बना दी गई थीं, ताकि काम पर किसी तरह का असर न पड़े। अगर कमेटी का कोई सदस्य संक्रमित होता है तो उसकी जगह दूसरे मैंबर को लगाया जाता है, ताकि संस्थान का काम किसी भी सूरत में प्रभावित न हो।

मरीजों की सुरक्षा के लिए

- प्रोटोकॉल के तहत हो रहा सभी मरीजों का इलाज

- सर्जरी से पहले ट्रूनेट मशीन से कोविड जांच

- आईडीएच डिपार्टमेंट के पास गाएनी विभाग के डॉक्टर तैनात

संस्थान में ऑनलाइन मीटिंग से सभी काम किए जा रहे हैं। वहीं डॉक्टर भी फोन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

प्रो। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

कहां कितना स्टाफ संक्रमित

अस्पताल संक्रमित एक्टिव

केजीएमयू 205 22

सिविल 60 40

लोहिया 35 5-7

लोकबंधू 09 06

आरएसएम 06 02

संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए कदम

- मरीज के साथ सिर्फ एक ही तीमारदार रुक सकता है

- मरीज के साथ आने वाले तीमारदार की भी कराई जा रही है जांच

- रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही तीमारदार मरीज के साथ रुक सकता है

- भीड़ को रोकने के लिए 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी

- बिना मास्क किसी को भी कैंपस में आने की अनुमति नहीं

मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए

- सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों की होगी कोरोना जांच

- रेस्पेरेटरी, पर्सनल और एनवायरमेंटल हायजीन पर जोर देने के आदेश

- स्टाफ और डॉक्टरों को भी सख्ती से करना होगा सारे प्रोटोकॉल का पालन

कुछ प्रमुख कमेटियां और उनके काम

1- आइसोलेशन कोरोना केयर कमेटी: संस्थान के लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था।

2- ट्रायज मैनेजमेंट कमेटी- ट्रायल एरिया में आए लोगों को मैनेज करने का काम।

3- इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी- इस कमेटी के ऊपर संस्थान में इंफेक्शन को रोकने की जिम्मेदारी है।

Posted By: Inextlive