- कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ली वर्चुअल बैठक

- बताया 96 इकाइयों को 275 अस्पतालों से जोड़ा गया

क्कक्त्रन्ङ्घन्द्दक्त्रन्छ्व : प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित कराने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से गठित कमेटी ने 31 दिसंबर तक ऑक्सीजन प्लांट लगाने की दशा में लाइसेंस से छूट दे दी है। यदि कोई नई यूनिट लगाने का इच्छुक है तो उसे लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। जिन इकाइयों की लाइसेंस अवधि खत्म हो रही है अथवा खत्म हो गई है तो वह 31 दिसंबर 2021 तक लाइसेंस के बिना कार्य कर सकेंगी। यह जानकारी कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनीता सिंह, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नवनीत सहगल एवं उद्योग विभाग के जिला उप आयुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक के बाद दी।

हब एंड स्पोक मॉडल लागू होगा

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली इकाइयों को अस्पतालों से जोड़कर हब एंड स्पोक मॉडल लागू किया जाएगा। बताया कि ऑक्सीजन उत्पादन की 96 इकाइयों को प्रदेश के लगभग 275 अस्पतालों से जोड़ दिया गया है। इससे किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की आवश्यकता पर तत्काल आपूíत हो सकेगी। यदि कोई व्यक्ति विधायक निधि से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए तैयार है तो एमएसएमई से प्रोजेक्ट रिपोर्ट लेकर जिला उद्योग अधिकारी इसे लगवाने में सहायता करेंगे। व्यापारी सिलेंडर रिफिलिंग या यूनिट लगाना चाहते हैं तो उन्हें लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। जिलाधिकारी से मिलकर अपना प्रस्ताव दें तो सरकार सहयोग करेगी। कैबिनेट मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में डीआरडीओ की 13 बड़ी ऑक्सीजन यूनिट लगाने की अनुमति दे दी गई है।

Posted By: Inextlive