-शनिवार रात हजरतगंज स्थित राज अपार्टमेंट में लिफ्ट में फंसकर मासूम की मौत से राजधानीवासी दहशत में

-अपार्टमेंट्स में आई नेक्स्ट ने किया रियल्टी चेक, हालात बेहद खराब

LUCKNOW: राजधानी में बढ़ती जनसंख्या की रिहायशी जरूरत को पूरा करने के लिये शहर में तमाम मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट्स बन गए। इन बिल्डिंग्स में ऊपर-नीचे जाने के लिये लिफ्ट भी लगी हैं। पर, लोगों की सुरक्षा को लेकर हर जगह हद दर्जे की लापरवाही सामने आ रही है। रविवार रात जॉपलिंग रोड स्थित राज अपार्टमेंट में लिफ्ट में फंसकर मासूम अरनब की मौत ने एक बार फिर लिफ्ट में आम लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिये हैं। आलम यह है कि अपार्टमेंट्स में लगी लिफ्ट्स को लेकर न तो सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन है और न ही इसे लेकर कोई भी ऑफिसर ही गंभीर है। लिफ्ट में सुरक्षा को लेकर हाय-तौबा तब मचती है, जब कोई बड़ा हादसा सामने आ जाता है। पर, कुछ दिनों के हंगामे के बाद सभी शांत हो जाते हैं और सबकुछ पुराने ढर्रे पर लौट आता है। आई नेक्स्ट टीम ने रविवार को सरकारी व प्राइवेट अपार्टमेंट्स का दौरा करके वहां सुरक्षा की हकीकत जानने की कोशिश की। पर, सभी जगह नतीजे बेहद चौंकाने वाले निकले। लिफ्ट की सुरक्षा को लेकर तो घोर लापरवाही बरती ही जा रही है, साथ ही लिफ्ट में बेहद आवश्यक लिफ्ट मैन कहीं भी ड्यूटी पर मुस्तैद नहीं मिले। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर फिर से कोई हादसा हुआ तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

वीआईपी के आने पर ही दिखते हैं

जगह: ओसीआर बिल्डिंग

ब्लॉक: 2 (ए व बी)

फ्लोर: 14

लिफ्ट: 3+3

विधानसभा मार्ग स्थित ओसीआर बिल्डिंग में कुल छह लिफ्ट हैं। वहां की सूरतेहाल जानने के लिये सोमवार शाम 4 बजे आई नेक्स्ट टीम ए ब्लॉक में पहुंची। लिफ्ट नंबर 3 के ऊपर बाकायदा लिफ्ट मैन का ड्यूटी चार्ट टंगा मिला है। उम्मीद थी कि लिफ्ट खुलते ही उसमें लिफ्टमैन भी मौजूद मिलेगा। पर, लिफ्ट खुलते ही हमारी उम्मीद धूल-धूसरित हो गई। लिफ्ट खुलने पर एक पुलिसकर्मी बाहर निकला। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब कॉन्सटेबल से लिफ्ट मैन के बारे में पूछा तो पता चला कि कभी भी कोई लिफ्ट मैन ड्यूटी पर नहीं रहता। हां, अगर कोई वीआईपी आने वाला होता है तो वे जरूर ड्यूटी पर मुस्तैद दिखते हैं।

कभी भी नहीं देखा लिफ्टमैन

जगह: ला-प्लास अपार्टमेंट

ब्लॉक: 2 (ए व बी)

फ्लोर: 12

लिफ्ट: 2+2

हजरतगंज के शाहनजफ रोड पर राज्य संपत्ति विभाग का ला-प्लास अपार्टमेंट स्थित है। दो ब्लॉक के इस अपार्टमेंट में विधायक, जज और सीनियर ऑफिसर्स रहते हैं। हर ब्लॉक में दो लिफ्ट लगी हैं। रविवार शाम करीब 4.20 बजे आई नेक्स्ट टीम लिफ्ट के हालात जांचने अपार्टमेंट के ए ब्लॉक पहुंची। इसी दौरान एक लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुकी। 10वीं मंजिल पर रहने वाली रेखा मैथिल लिफ्ट से नीचे उतरीं। इस संवाददाता ने उनसे लिफ्टमैन के बारे में पूछा। सवाल सुनते ही रेखा ने उलटे सवाल दागा कि 'क्या यहां लिफ्टमैन तैनात है?' उन्होंने बताया कि उन्हें लंबा वक्त हो गया इस अपार्टमेंट मे ंरहते लेकिन, उन्होंने तो कभी लिफ्टमैन देखा नहीं।

लिफ्टमैन: ये क्या होता है अंकल?

जगह: कसमंडा अपार्टमेंट

फ्लोर: 11

लिफ्ट: 6

सरकारी अपार्टमेंट्स की हकीकत जानने के बाद हमारी टीम हजरतगंज चौराहे पर स्थित हाईप्रोफाइल कसमंडा अपार्टमेंट पहुंची। वहां चैनल वाली लिफ्ट लगी थीं। गौरतलब है कि ऐसी ही लिफ्ट में फंसकर मासूम अरनब ने दम तोड़ा था। हम लिफ्ट के सामने खड़े होकर उसके ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचने का इंतजार करने लगे। लिफ्ट से 7 वर्षीय इशांक बाहर निकला। रिपोर्टर ने उससे पूछा कि उसे अकेले लिफ्ट में जाने से डर नहीं लगता? तो उसने जवाब दिया कि डर तो लगता है पर क्या करें। जब उससे लिफ्टमैन के बारे में पूछा गया तो इशांक का जवाब था कि'लिफ्टमैन: यह क्या होता है अंकल?' उसने बताया कि वह जब से यहां आया है, उसने लिफ्ट ऑपरेट करने वाले किसी शख्स को नहीं देखा।

यह हैं मानक

1. हर लिफ्ट में लिफ्टमैन की तैनाती जरूरी है।

2. लिफ्ट की समय-समय पर सर्विसिंग कराना चाहिये।

3. लिफ्ट में किसी के फंसने की हालत में उसे रेस्क्यू करने के लिये हर वक्त एक कर्मचारी की तैनाती जरूरी है।

4. लिफ्ट के दरवाजो पर सेंसर लगे होने चाहिये, जिनसे किसी के सामने आने पर दरवाजे खुद-ब-खुद खुल जाएं।

5. लिफ्ट के निर्बाध संचालन के लिये जनरेटर की व्यवस्था जरूर होनी चाहिये।

Posted By: Inextlive