पॉलीटेक्निक संस्थाओं में शुरू किए गए नए कोर्सेज में संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद लिटरल इंट्री के तहत एडमिशन नहीं दे रहा है क्योंकि अभी लेटरल इंट्री में एडमिशन का शासनादेश नहीं हुआ है। जबकि शासनादेश कराने की जिम्मेदारी प्राविधिक शिक्षा परिषद की है। वहीं संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद का कहना है कि जब तक शासनादेश नहीं होगा वे एडमिशन नहीं दे सकते।


लखनऊ (ब्यूरो)। इस वर्ष परिषद ने प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स संग आठ नए कोर्स शुरू किए हैं। इनमें लेटरल इंट्री से एडमिशन देने का प्राविधान है। अभी तक 19 कोर्सेज में पहले से ही लिटरल इंट्री में एडमिशन दिए जा रहे हैँ। अब आठ नए कोर्सेज को मिलाकर ऐसे कोर्सों की संख्या 27 हो गई है, लेकिन इन नए कोर्सेज में लिटरल इंट्री से एडमिशन नहीं शुरू हुए हैं। वहीं पॉलीटेक्निक में एडमिशन के लिए आठवें चरण की काउंसिलिंग शुरू हो गई है जो 24 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। इसके चलते कैंडीडेंट्स अपने भविष्य को लेकर परेशान है। वह रोजाना प्राविधिक शिक्षा परिषद से लेकर संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद तक के चक्कर काट रहे हैं।परिषद की लापरवाही
जानकार एडमिशन न होने के पीछे प्राविधिक शिक्षा परिषद की लापरवाही मान रहे हैं, क्योंकि शासनादेश जारी करने की जिम्मेदारी परिषद की है। परिषद को शासनादेश नए सेशन के एडमिशन शुरू होने के पहले ही करा लेना चाहिए था। उसने प्राविधिक शिक्षा बोर्ड से लिटरल इंट्री के एडमिशन का प्रस्ताव पास नहीं कराया। इसको लेकर शासन ने जब आपत्ति दर्ज कराई, तब परिषद ने सितंबर में इसे बोर्ड से पास कराया। परिषद के लोगों का कहना है कि इस बार लिटरल इंट्री से एडमिशन हो पाना मुश्किल है।इन्हें मिलता है सीधे एडमिशनलिटरल इंट्री से उन्हीं स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलता है, जो इंटर या आईटीआई पास हैं। उन्हें तीन वर्षीय कोर्स में पहले वर्ष की पढ़ाई नहीं करनी होती है। उन्हें सीधे दूसरे वर्ष के तीसरे सेमेस्टर में एडमिशन दिया जाता है।

Posted By: Inextlive