1500 करोड़ का एमओयू रद, केसी इंफ्राबिल्ड के दफ्तर पर ताला
- 06 जनवरी 2017 को केनरा बैंक के जीएम ने सीबीआई में की शिकायत
- 28 मार्च 2017 को सीबीआई नई दिल्ली में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया - 12.38 करोड़ रुपये की आलमबाग के केनरा बैंक से धोखाधड़ी करने का है आरोप - 1500 करोड़ रुपये निवेश कर आठ होटल बनाने का किया था समिट में एमओयू - 2000 लोगों को रोजगार देने का भी कंपनी ने किया था एमओयू में वादा - पर्यटन विभाग की जांच में भी खुला केसी इंफ्राबिल्ड का फर्जीवाड़ा - पर्यटन मंत्री ने दी जानकारी, डीजी करेंगे कंपनी के खिलाफ कार्रवाई ashok.mishra@inext.co.inLUCKNOW: केनरा बैंक से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाली केसी इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ इंवेस्टर्स समिट में किया गया 1500 करोड़ रुपये का एमओयू राज्य सरकार ने कैंसिल कर दिया है। इसके साथ ही कंपनी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के लिए पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने डीजी पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी को निर्देश दिए हैं। पर्यटन मंत्री ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से एमओयू कैंसिल होने की पुष्टि की है। बता दें कि ध्यान रहे कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा कंपनी के फर्जीवाड़े का खुलासा करने के बाद मंत्री ने जांच के आदेश दिए थे, जिसमें केसी इंफ्राबिल्ड की सारी करतूतें सामने आ गई। वहीं दूसरी ओर डीजी पर्यटन ने केसी इंफ्राबिल्ड को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।
आई नेक्स्ट ने सरकार को बताया सचदरअसल, केसी इंफ्राबिल्ड के एमडी विजय कुमार मिश्र ने अपने खिलाफ दर्ज केनरा बैंक के धोखाधड़ी के मामले को छिपाकर इंवेस्टर्स समिट में सूबे के आठ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फाइव स्टार होटल बनाने का एमओयू साइन किया था। हालांकि कंपनी की माली हालत ही ऐसी नहीं थी कि वह इस तरह का प्रोजेक्ट पूरा कर पाती। इतना ही नहीं, विजय मिश्र ने इस एमओयू के नाम पर पूरे देश में निवेशकों से पैसे वसूलने शुरू कर दिए। नोएडा समेत कई शहरों में निवेशकों को फाइव स्टार होटल में निवेश करने पर आकर्षक रिटर्न का झांसा देकर करोड़ों रुपये लिए गये। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अपने 30 नवंबर के अंक में इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसका पर्यटन मंत्री ने संज्ञान लेते हुए पर्यटन विभाग की प्रबंध निदेशक सी। इंदुमति को उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए। पर्यटन विभाग ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से संपर्क कर कंपनी के खिलाफ दर्ज सीबीआई की एफआईआर की कॉपी समेत तमाम दस्तावेज लिए जिसके बाद हुई जांच में केसी इंफ्राबिल्ड पर लगे आरोप सही पाए गये।
पहले भी किए कई फर्जीवाड़े केसी इंफ्राबिल्ड ने पहले भी तमाम प्रोजेक्ट्स के नाम पर निवेशकों के साथ फर्जीवाड़े किए और इंवेस्टर्स समिट में भी सेंध लगाने में कामयाब हो गयी। इससे पहले केसी इंफ्राबिल्ड ने ग्रोवेल ट्रेडिंग हाउस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से भी एक कंपनी बनाई और निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर गायब हो गयी। इसमें पंजाब, हरियाणा, एनसीआर, गुजरात के तमाम निवेशक शामिल हैं। कंपनी यह भी दावा करती थी कि उसके पास राज्य सरकार और प्राइवेट कंपनियों के हजारों करोड़ रुपये के कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स हैं, जिसमें निवेश करने पर मोटा मुनाफा मिलेगा। इतना ही नहीं, कंपनी नेपाल में भी अपने होटल और कैसिनो में निवेश करने का निवेशकों को झांसा दे रही थी। लीडर लाते थे निवेशककंपनी ने निवेशकों को ठगने के लिए कई लीडर बनाए थे जो देश के तमाम हिस्सों से निवेशकों को झांसा देकर लाते थे। इनमें मुख्य रूप से अरुण गौतम, प्रदीप शर्मा, परवेज, रॉबिन अवस्थी आदि शामिल हैं। मालूम हो कि अरुण गौतम के खिलाफ पहले भी मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए करोड़ों रुपये ठगने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी जिसके बाद उसे राजधानी से गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं विजय मिश्र का भाई विनय कुमार मिश्र भी कंपनी में डायरेक्टर है। विनय मिश्र केसी के खिलाफ दर्ज सीबीआई की एफआईआर में आरोपी भी है। इस एफआईआर में रेलवे की जमीन को बैंक में गिरवी रखकर करोड़ों रुपये का कर्ज लेकर चंपत होने का आरोप है। बैंक ने इस मामले को एनपीए की श्रेणी में रखने के बाद सीबीआई से जांच करने का अनुरोध किया था।
बॉक्स पर्यटकों को भी छला केसी ने सिर्फ राज्य सरकार ही नहीं, सूबे में आने वाले पर्यटकों को भी धोखा देने का काम किया है। दरअसल एमओयू के अनुसार आठ पर्यटन स्थलों अयोध्या, नैमिषारण्य, मथुरा-वृंदावन, श्रावस्ती, कुशीनगर, सारनाथ, कौशांबी और दुधवा नेशनल पार्क में लो बजट फाइव स्टार होटल विद हैलीकॉप्टर कनेक्टिविटी का निर्माण किया जाना था। दरअसल इन जगहों पर कोई लग्जरी होटल न होने की वजह से पर्यटक जाने से कतराते हैं। केसी के इस फर्जीवाड़े की वजह से यहां पर लग्जरी होटल बनाने की राज्य सरकार की कवायद को गहरा झटका लगा है। बॉक्स साइबर हाइट्स का ऑफिस बंददैनिक जागरण आई नेक्स्ट में कंपनी के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद विजय कुमार मिश्र ने गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित साइबर हाइट्स टॉवर के अपने आलीशान ऑफिस में ताला लगा दिया है। यहां रोजाना तमाम निवेशक अपनी रकम वापस पाने के लिए चक्कर लगा रहे है। सूत्रों की मानें तो कंपनी ने अब इंदिरानगर इलाके में अपना नया ऑफिस खोला है और नई कंपनी बनाने की फिराक में है।
कोट केसी इंफ्राबिल्ड पर लगे आरोप जांच के बाद सही पाए गये हैं। कंपनी के साथ किए गये 1500 करोड़ के एमओयू को कैंसिल किया जा रहा है। साथ ही डीजी पर्यटन को कंपनी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। - रीता बहुगुणा जोशी, पर्यटन मंत्री केसी इंफ्राबिल्ड पर लगे आरोपों की पड़ताल के बाद आठ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फाइव स्टार होटल बनाने का एमओयू निरस्त करने के निर्देश जारी कर दिए गये हैं। इसके अलावा कंपनी को नोटिस देकर एक हफ्ते में जवाब भी मांगा गया है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। अवनीश कुमार अवस्थी महानिदेशक, पर्यटन विभाग