लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल ब्लॉक और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं। कार्डियोलॉजी ऑन्कोलॉजी न्यूरो एंड न्यूरो सर्जरी मेडिसिन विभाग आदि में खासतौर पर सर्वाधिक मरीज आते हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के गोमतीनगर स्थित लोहिया संस्थान में पूरे प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी मरीज अपने इलाज के लिए आते हैं। हालांकि, इस दौरान उनको कई अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते उनकी तकलीफ और बढ़ जाती है। रजिस्ट्रेशन से लेकर डॉक्टर को दिखाना, जांच कराना और रिपोर्ट आदि लेने में मरीजों के पसीने छूट जाते हैं। इसके लिए उनको घंटों लंबी लाइन में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में उनका पूरा दिन अस्पताल में ही निकल जाता है।हजारों मरीज आते हैं


लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल ब्लॉक और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं। कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, न्यूरो एंड न्यूरो सर्जरी, मेडिसिन विभाग आदि में खासतौर पर सर्वाधिक मरीज आते हैं। बहराइच से आये 20 वर्षीय दस्तगीर खान ने बताया कि वह खाते तो ठीकठाक मात्रा में हैं, पर शरीर में नहीं लगता, जिसके चलते बॉडी में कमजोरी बनी रहती है। मैंने बहराइच में भी अपना इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद यहां दिखाने आया हूं। सुबह जल्दी घर से निकला तब जाकर 9:30 बजे संस्थान पहुंच सका। यहां रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी लाइन देखने को मिली। सुबह ज्यादा भीड़ होने की वजह से करीब 45 मिनट लग गये पर्चा बनवाने में। करीब 10:15 बजे से ओपीडी के बाहर खड़ा हूं। यहां बैठने की पूरी व्यवस्था भी नहीं है।किसी ने नहीं की मदददस्तगीर ने आगे बताया कि शरीर में कमजोरी के कारण ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। आगे मदद मांगी तो लोगों ने मना कर दिया और बोले कि हम भी घंटों से लाइन में खड़े हैं। कर्मचारी भी मदद नहीं कर रहे थे। वहीं, 11:30 के बाद नंबर आया तो डॉक्टर ने कुछ ही मिनट देखा और कई जांच लिखकर वापस आने को कहा है। 11:45 बजे सैंपल काउंटर पर पहुंचा तो वहां भी भीड़ लगी हुई थी। वहां करीब आधा घंटे लग गया। शुगर की जांच नहीं हो सकी, क्योंकि मैं खाली पेट नहीं था। ऐसे में अब अगले दिन जांच के लिए बोला गया है। अब उसे घर के पास ही करवाना पड़ेगा। सुबह से अस्पताल आया हूं। अब दोपहर हो गई है, पूरा दिन यहीं निकल गया है। अभी वापस घर भी जाना है। बहुत दिक्कत हो रही यहां आकर। इधर-उधर दौड़ाते रहते हैं केवल। यहां कोई ठीक से कुछ बताने वाला भी नहीं है।जांच की वेटिंग लंबी

वहीं, बस्ती से आये मनोहर कुमार ने बताया कि पेट में दर्द की समस्या रहती है। सुबह 10 बजे से आया हुआ हूं। डॉक्टर ने करीब 11:30 बजे के आसपास देखा और कुछ जांचें लिखी हैं, जिसमें खून की जांच के साथ अल्ट्रासाउंड जांच भी लिखी है। अल्ट्रासाउंड के लिए गये तो पता चला कि लंबी वेटिंग चल रही है। एक हफ्ते के बाद आने को कहा है। अब इतनी दूर से वापस इतनी जल्दी आना बेहद मुश्किल है। समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। चार घंटे से ऊपर हो गया यहां आये हुए, लेकिन पूरा काम नहीं हो सका है।मरीजों का लोड अधिक रहता है। सभी मरीजों को समय देकर देखा जाता है। इमरजेंसी केस में जांच जल्दी करवाई जाती है। किसी मरीज को कोई समस्या नहीं आने दी जाती।-डॉ। एपी जैन, प्रवक्ता, लोहिया संस्थान

Posted By: Inextlive