मामले की जानकारी मिलते ही वीसी ने जांच कमेटी गठित कर दी है। साथ ही आरोपी छात्र का हॉस्टल भी निरस्त कर दिया गया है। छात्र से तीन दिनों में जवाब मांंगा गया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित टिप्पणी करने वाले लखनऊ यूनिवर्सिटी में हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफसर डॉ। रविकांत को बुधवार को कैंपस में थप्पड़ जड़ दिया। जिसको लेकर कैंपस में दोपहर से शाम तक जमकर हंगामा हुआ।छात्र निलंबित, एफआईआर की मांग


डॉ। रविकांत ने बताया कि वे दोपहर एक बजे क्लास लेने जा रहे थे। जैसे ही प्रॉक्टर कार्यालय के सामने पहुंचे तो सामने से कार्तिक पाण्डेय व अन्य छात्र आ रहे थे। कार्तिक ने दूर से हाथ जोड़े और करीब आकर झुका और उसके तुरंत बाद हमला करने लगा। इसके बाद सुरक्षा में तैनात जवानों ने छात्र नेता को काबू किया और पुलिस अपने साथ एलयू चौकी पर ले गई। एलयू में एमए संस्कृत के छात्र कार्तिक पाण्डेय को निलम्बित करते हुए मामले के लिए जांच कमेटी बना दी गई है। वहीं, लखनऊ यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनीत वर्मा ने कहा कि यदि मामले में छात्र पर एफआईआर और कोई ठोस कार्रवाई दो दिन के अन्दर नहीं होती है, तो लूटा आन्दोलन करने पर बाध्य होगा। जरूरत पड़ी तो कार्य बहिष्कार और यूनिवर्सिटी में तालाबंदी की जाएगी।सपा ने कार्तिक को पद से हटाया

डॉ। रविकांत को थप्पड़ मारने के आरोपी समाजवादी छात्र सभा लखनऊ यूनिवर्सिटी इकाई अध्यक्ष कार्तिक पाण्डेय को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है। समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने यह आदेश जारी किया। वहीं, यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनीत वर्मा ने आरोप लगाया कि ये घटना यूनिवर्सिटी की लापरवाही से हुई है। यदि समय से कार्रवाई हुई होती तो आज ये स्थिति नहीं होने पाती।डॉ। रविकांत को हटाने की उठी मांगवहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से लगातार डॉ। रविकांत के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही है। संगठन का कहना है कि डॉ। रविकांत की तरफ से विवादित टिप्पणी जारी कर यूनिवर्सिटी परिसर का माहौल खराब करने का प्रयास किया गया। शिक्षक होने के नाते किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से पहले उन्हें विचार करना चाहिए था। संगठन की मांग है कि जल्द से जल्द उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।प्रोफेसर पर भी दर्ज है एफआईआर

डॉ। रविकांत लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग में कार्यरत हैं। एक सप्ताह पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें हिंदू देवी-देवताओं और मंदिरों पर टिप्पणी करते हुए देखा गया। यह वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर हुई डिबेट का है। इसके बाद विरोध भड़क उठा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से कैंपस में विरोध-प्रदर्शन किया गया। डॉ। रविकांत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। वहीं, उनके समर्थन में वामपंथी छात्र संगठन और एनएसयूआई सामने आ गए हैं।वीसी ने गठित की जांच कमेटीयूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ। दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही वीसी ने जांच कमेटी गठित कर दी है। साथ ही, आरोपी छात्र का हॉस्टल भी निरस्त कर दिया गया है। छात्र से तीन दिनों में जवाब मांंगा गया है।कैंपस में लगाए गए पोस्टरडॉ। रविकांत को थप्पड़ मारने से पूर्व यूनिवर्सिटी में बिना किसी संगठन के नाम के कई पोस्टर चस्पा कर दिए गए थे। एलयू के लगभग सभी विभागों में पोस्टर चस्पा किए गए थे, जिस पर 'कार्यवाही कब' मोटे अक्षरों में लिखा होने के साथ ही लिखा गया था कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग के एक एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर एवं संत समाज पर अभद्र टिप्पणी का हम सभी विरोध करते हैं। धार्मिक आस्था को ठेस पंहुचाने तथा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को हिंसा करार देकर यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल करने वाले शिक्षक पर यथाशीघ्र कठोरतम कार्यवाही की जाए।
डॉ। रविकांत ने सवर्ण समाज का होने की वजह से मुझे भद्दी गाली दी। उन्होंने कहा कि तुम सर्वण समाज से आते हो, तुम्हें देखना भी नहीं चाहता। इसके बाद हाथापाई हुई। डॉ। रविकांत ने पानी की बोतल से मुझ पर हमला किया। - कार्तिक पाण्डेय, आरोपी छात्रपरिसर में किसी भी प्रकार का उपद्रव स्वीकार नहीं किया जाएगा। शिक्षक व छात्र दोनों को अपनी मर्यादा का पालन करना होगा। आरोपित छात्र को निलंबित कर दिया गया है, मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है।- प्रो। आलोक कुमार राय, वीसी, एलयूडॉ। रविकांत चंदन की ओर से छात्र के खिलाफ लिखित शिकायत की गई है। शिकायत को आवश्यक कार्रवाई के लिए थाने भेज दिया गया है। पूर्व की घटना के बाद से ही रविकांत को दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों की सुरक्षा मुहैया कराई जा चुकी है। बुधवार को भी सुरक्षाकर्मी उनके साथ थे। आरोपित छात्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, उससे सुभाष छात्रावास खाली कराके उसका कैंपस में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।- प्रो। राकेश द्विवेदी, चीफ प्राक्टर, एलयू

Posted By: Inextlive