एलयू एसईई से भरेगा एमबीए, बीटेक की सीटें
- एकेटीयू द्वारा आयोजित एसईई में पहले से ही इन कोर्सेज की हालात खराब
- कोर्सेज में सीटों की तुलना में स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम LUCKNOW : एलयू प्रशासन अपने एमबीए, बीटेक व एमसीए कोर्सेज में एडमिशन एसईई के जरिये करेगा। इसके लिए एलयू प्रशासन ने एकेटीयू के साथ समझौता किया है। स्टूडेंट्स को यूपीएसईई एंट्रेंस एग्जाम में प्राप्त मेरिट के आधार पर रेगुलर व सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज में सीटों का आवंटन किया जाएगा। इसकी जानकारी के लिए स्टूडेंट्स एलयू के एडमिशन सेल में संपर्क कर सकते हैं। एकेटीयू के पास खुद नहीं हैं स्टूडेंट्सएकेटीयू के पास अपनी एमबीए की सीटें भरने के लिए ही स्टूडेंट्स नहीं हैं ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि वह एलयू कैसे एसईई की काउंसिलिंग से अपनी सीटें भरेगा। एलयू जिन तीन कोर्सेज के एडमिशन के लिए एसईई की काउंसिलिंग का भरोसा कर रहा है। उन कोर्सेज में सीटों के सापेक्ष स्टूडेंट्स की संख्या पहले से ही कम है। ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि एलयू प्रशासन ने क्या सोच कर एसईई से सीटें भरने का निर्णय किया है।
एमबीए की स्थिति सबसे ज्यादा खराबएकेटीयू में एमबीए की कुल सीटें 25562 सीटें हैं, इन सीटों को भरने के लिए एसईई में एमबीए के एंट्रेंस में 7926 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इसमें से 7855 स्टूडेंट्स एग्जाम में पास हुए थे। ऐसे में जिस यूनिवर्सिटी के पास खुद की सीटें भरने के लिए स्टूडेंट्स नहीं हैं, एलयू उसकी काउंसिलिंग से अपनी सीटें भरने की तैयारी कर रहा है। एकेटीयू में बीते करीब पांच वर्षो से एमबीए कोर्स की सीटें भरने के लिए उसके सापेक्ष करीब 25 परसेंट स्टूडेंट्स ही आवेदन कर रहे हैं। ऐसे में एलयू किस तरह अपनी सीटें भरेगा यह देखना होगा।
बीटेक का भी हाल कुछ ऐसा हीएकेटीयू के 204 कॉलेज में बीटेक की 73151 सीटें हैं। इस बार एसईई से बीटेक में एडमिशन के लिए 74973 स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हुए थे, जिसमें से 69793 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। ऐसे में जब एकेटीयू के खुद की बीटेक की सीटों के सापेक्ष कम स्टूडेंट्स हैं तो एलयू की सीटें कैसे भरेगा। ऐसा ही कुछ हाल एमसीए का भी है। एकेटीयू के कॉलेजों में एमसीए की 4415 सीटें हैं। इस बार एसईई से एमसीए करने के लिए 3548 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था। इसमें से 3529 स्टूडेंट्स सफल रहे थे। इस कोर्स में एकेटीयू की सीटों की तुलना में स्टूडेंट्स की संख्या कम है। ऐसे में एलयू को अपनी सीटें भरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं।