- 180 पदों के लिए एलयू ने निकाली थी जगह

- 5084 कैंडीडेट्स ने किया है आवेदन

- 6 सीटें हैंडीकैप कैंडीडेट्स के लिए होंगी रिजर्व

- रोस्टर के नियम में फिजिकली हैंडीकैप कैंडीडेट्स को नहीं दिया गया लाभ

- दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने दर्ज कराई आपत्ति, एलयू करेगा सुधार

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी अधिसूचना में कॉरिजेन्डम (शुद्धिपत्र) जारी करेगा। दरअसल, एलयू भर्ती प्रक्रिया में रिजर्वेशन कोटे में बदलाव की तैयारी कर रहा है। सूत्रों की मानें तो एलयू ने भर्ती प्रक्रिया में फिजिकली हैंडीकैप कोटे का निर्धारण नहीं किया है। इसको लेकर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके बाद कोरिजेन्डम लाकर संशोधन की तैयारी है।

कमेटी आज देगी अपनी रिपोर्ट

एलयू सूत्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से जारी रोस्टर के नियम को लागू कर सीटें निर्धारित की गई हैं। रोस्टर में दिव्यांगजनों के लिए कोटा नहीं निर्धारित किया गया है जबकि शासन की ओर से जारी आदेशों में इसका लाभ दिया जाना है। सूत्र बताते हैं कि मामले की जानकारी होने के बाद दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने एलयू से संपर्क किया और इसमें सुधार कर इसका लाभ कैंडीडेट्स को देने के लिए कहा है, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद यूनिवर्सिटी इसे अनुमोदन के लिए दोबारा से राज्य सरकार को भेजेगी। फिर इसमें सुधार करेगी। एलयू ने सितंबर में 180 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके लिए 5084 आवेदन प्राप्त हुए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन पदों को भरने के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था के बिना आवेदन आमंत्रित किये थे। वहीं एलयू के सूत्रों का कहना है कि अनजाने में गलती हुई है क्योंकि नियुक्तियों के लिए सरकारी दिशा-निर्देशों में इस तरह के कोटा का कोई विशिष्ट उल्लेख नहीं था। इसी को देखते हुए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के आयुक्त कार्यालय ने यूनिवर्सिटी को भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगजनों के आरक्षण का प्रावधान करने को कहा है।

करीब छह पदों का फंसेगा पेंच

एलयू सूत्रों का कहना है कि अगर भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगजनों को मिलने वाला कोटा लागू किया जाएगा तो इस हिसाब से कुल सीटों के सापेक्ष छह सीटें बनेगीं। इसमें तीन सीटें सहायक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर की सीट बनेगी। वहीं यह सीटें किन विभागों में होगीं, इसका निर्णय कमेटी करेगी। एलयू सूत्रों का कहना है कि मामले को सुलझाने के बाद कुछ विभागों की सीटों के आरक्षण के नियम को बदला जाएगा।

Posted By: Inextlive