परिवहन विभाग के पास पूरे प्रदेश में करीब 10 हजार से अधिक बसों का बेड़ा है जबकि लखनऊ में करीब 973 बसों का बेड़ा है। सरकार द्वारा यात्री सुविधा के लिए बसों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को सेवा उपलब्ध कराकर राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके।


लखनऊ (ब्यूरो)। एक ओर जहां मंत्री और उच्च अधिकारी परिवहन निगम को राजस्व में बढ़ोतरी के निर्देश दे रहे हैं, तो वहीं निगम के अधिकारियों की उदासीनता से राजधानी जिलों में जहां 67वें नंबर पर है। इतना ही नहीं, लखनऊ संभाग राज्य औसत 69.48 फीसदी से पीछे 68.4 फीसदी के साथ 11वें नंबर पर रहा है। हालांकि, परिक्षेत्र के लक्ष्य के तहत 73.07 फीसदी के साथ के यह दूसरे नंबर पर है। अधिकारियों की माने तो राजस्व प्राप्ति में पीछे चल रहे जिलों को इसे बढ़ाने के निर्देश दिए गये हैं।छोटे-छोटे जिले भी आगे
परिवहन विभाग के पास पूरे प्रदेश में करीब 10 हजार से अधिक बसों का बेड़ा है, जबकि लखनऊ में करीब 973 बसों का बेड़ा है। सरकार द्वारा यात्री सुविधा के लिए बसों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को सेवा उपलब्ध कराकर राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके। राजधानी से लग्जरी बसें, एसी बसें समेत साधारण बसों का भी संचालन किया जाता है। कई रूटों पर यात्रियों की भीड़ अधिक होने से लोड भी ज्यादा है। पर इसके बावजूद अधिकारी राजस्व में बढ़ोतरी के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहे हैं। कई ऐसे रूट हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है। हैरान करने वाले बात यह है कि खुद राजधानी राजस्व लक्ष्य प्राप्ति में छोटे-छोटे जिलों से पीछे चल रहा है। विभाग के मई माह में राजस्व प्राप्ति की बात करें तो जहां बलरामपुर 101.46 फीसदी, कौशांबी 100.55 फीसदी और संतकबीरनगर 94.75 फीसदी के साथ सबसे आगे हैं। वहीं, लखनऊ महज 63.64 फीसदी राजस्व प्राप्ति के साथ लिस्ट में 67वें नंबर पर आया है। लखनऊ के क्षेत्रिय प्रबंधक मनोज पुंडीर ने बताया कि हम लोग सबसे अधिक टारगेट रखते हैं। मई के बाद जून और जुलाई में इसमें अधिक बढ़ोतरी होती है। यह ट्रेंड हमेशा से रहा है। आगे राजस्व में और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।राजस्व प्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की जाती है। जो जिले राजस्व प्राप्ति में पीछे होते हैं, उनको अपनी परफॉर्मेंस में सुधार के लिए निर्देशित किया जाता है।-निर्मल प्रसाद, अपर परिवहन आयुक्त, परिवहन विभाग, लखनऊ

Posted By: Inextlive