Lucknow News: कार्यक्रम में बोलते हुए टीचर ट्रेनर फॉर एनईपी व सीबीएसई और कॉन्शियस एजुकेशन की फाउंडर डायरेक्टर डॉ. शालिनी सिन्हा ने टीचर्स को कई टीचिंग टेक्नीक्स से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले टीचर्स को अपने स्टूडेंट्स को सोचने के लिए मोटिवेट करना होगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। हाईटेक व नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन से आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे करें, इसके बारे में टीचर्स को खुद को अपडेट करना होगा। टीचर्स पर खुद को अपडेट करते हुए स्टूडेंट्स की सभी जिज्ञासाओं को शांत करने की जिम्मेदारी है। ऐसे में उनको खुद को नए बदलावों, चुनौतियों और नए इनोवेशन के हिसाब से अपडेट करते चलें। इसमें टेक्नोलॉजी आपकी मदद कर सकती है। ये बातें शुक्रवार को अमृता विश्वविद्यापीठम और दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से चल रही दो दिवसीय वर्कशॉप में एक्सपर्ट्स ने कहीं। कार्यक्रम में अमृता विश्वविद्यापीठम के एकेडमिक मैनेजर एंड काउंसलर, डायरेक्टर ऑफ एडमिशन और एकेडमिक आउटरीच डॉ। शौर्य कुटप्पा ने टीचर्स को न्यू एजुकेशन पॉलिसी के पहलुओं से रूबरू कराते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने चैट जीपीटी के इस्तेमाल के साथ-साथ टीचर्स को अपनी टीचिंग स्किल्स में टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल कर अपना समय बचाने और क्रिएटिविटी बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने टीचर्स से कहा कि टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल आपकी टीचिंग स्किल बढ़ाने में मदद करेगा।बच्चों को सोचने के लिए मोटिवेट करें


कार्यक्रम में बोलते हुए टीचर ट्रेनर फॉर एनईपी व सीबीएसई और कॉन्शियस एजुकेशन की फाउंडर डायरेक्टर डॉ। शालिनी सिन्हा ने टीचर्स को कई टीचिंग टेक्नीक्स से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले टीचर्स को अपने स्टूडेंट्स को सोचने के लिए मोटिवेट करना होगा। उन्होंने मेकिंग-थिंकिंग विजिबल टेक्नीक के जरिए टीचर्स को क्लास में कैसे स्टूडेंट्स को किसी स्पेसिफिक टॉपिक के बारे में जानकारी देनी है और उसके प्रति कैसे उनकी क्यूूरियोसिटी जगाएं, इसके बारे में बताया। उन्होंने 3 वर्ड्स, 2 क्वेश्चन और 1 सिमिली के जरिए हर बच्चे का क्लास में पार्टिसिपेशन बढ़ाने पर जोर दिया।साइंस ऑफ बोर्डम भी समझाईडॉ। सिन्हा ने टीचर्स को साइंस ऑफ बोर्डम के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि क्लासरूम में जब टीचर्स की क्लास बोरिंग होती है तो भी बच्चों को स्ट्रेस होता है। इस स्ट्रेस के कारण उनको फिजिकल प्रॉब्लम्स हो सकती है। ऐसे में अपनी क्लास को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए उनकी क्यूरियोसिटी को कैप्चर करें। इसके लिए आपकी क्लास में कराई जाने वाली माइंडऑन एक्टिविटीज काम आएंगी।वैल्यूज को भी दें तरजीहडॉ। सिन्हा ने टीचर्स को बताया कि अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्टूडेंट्स को वैल्यूज की भी समझ दें, जिससे वे इन पहलुओं को भी जानें और समझें। साथ ही एक अच्छा इंसान बनें।टीचर्स ने जताई खुशी

टीचर्स की इस तरह की वर्कशॉप कराकर उन्हें आने वाली चुनौतियों और टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी देना बहुत अच्छी पहल है। आईनेक्स्ट इसके लिए बधाई का पात्र है।अभिलाषा पांडेय, सेठ आनंदराम जयपुरियाइस वर्कशॉप का हिस्सा बनकर मुझे अच्छा लगा। मुझे एआई के बारे में अधिक जानकारी हुई। साथ ही सेकंड सेशन में कई टीचिंग टेक्नीक्स का पता चला। अच्छा एक्सपीरियंस रहा।लुबना खान, माउंट लिटेरा जी स्कूलक्लासरूम को क्रिएटिव बनाने की सलाह बहुत अच्छी लगी। इस वर्कशॉप के बाद मैं अपने स्टूडेंट्स को आउट ऑफ द बॉक्स सोचने के लिए प्रेरित करूंगा।करन पाल, सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूलइनका विशेष आभारअवध कॉलेजिएटसेंट जोसेफ स्कूलब्राइटलैंड स्कूलसिटी मॉन्टेसरी स्कूलबाल निकुंज स्कूलपायनियर मॉन्टेसरी स्कूलदिल्ली पब्लिक स्कूल, जानकीपुरमक्राइस्ट चर्च कॉलेजसेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूलजागरण पब्लिक स्कूलमाउंट लिटेरा जी स्कूल

Posted By: Inextlive