Lucknow News: पुराने समय में लोग मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे। तब इतनी तकनीक नहीं थीं। अब तकनीक के बढ़ने से लोग मेटल के बर्तनों का इस्तेमाल करने लगे हैैं जैसे की लोहे की कढ़ाई बोतल हांडी। हालांकि पिछले कुछ समय से मिट्टी के बर्तनों का ट्रेंड काफी बढ़ गया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। पुराने समय में लोग मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे। तब इतनी तकनीक नहीं थीं। अब तकनीक के बढ़ने से लोग मेटल के बर्तनों का इस्तेमाल करने लगे हैैं जैसे की लोहे की कढ़ाई, बोतल, हांडी। हालांकि, पिछले कुछ समय से मिट्टी के बर्तनों का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। मिट्टी की सुराही, घड़े, कढ़ाई, जैसे बर्तनों की सेल्स बढ़ी है और लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैैं।मिट्टी और मेटल के बर्तनों में फर्क


मिट्टी के बर्तन मिट्टी और पानी के घोल को आकार देकर आग में डाल कर बनाए जाते हैैं। उनमें कोई अन्य केमिकल्स नहीं होते हैं। वहीं कई मेटल के बर्तनों में कई तरह के केमिकल्स की कोटिंग की जाती है। इसी लिए वो सेहत के लिए हानिकारक होते हैैं। ज्यादातर मिट्टी के बर्तन मेटल के बर्तनों से सस्ते होते हैैं। एक मिट्टी के घड़े की कीमत 200-300 रुपय तक होती है। एक कस्टमर अनिल सिन्हा ने बताया, लोग पुराने समय में मिट्टी के बर्तनों का ज्यादा इस्तेमाल करते थे। इससे लोगों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता था। वो अपने घर में भी मिट्टी के घड़े से ही पानी पीते हैैं। वहीं, गीता नाम की कस्टमर का कहना था, मैं रोज सिर्फ मिट्टी के घड़े का पानी पीती हूं। मेरे पास खाना बनाने के लिए मिट्टी की हांडी भी है। मिट्टी के घड़े में पानी ठंडा रहता है और पानी से सारी अशुद्धियां भी निकल जाती हैैं।गर्मियां आते ही बढ़ती है सेलसर्वोदय नगर में मिट्टी के बर्तन बेचने बाले ने बताया कि गर्मियां आते ही मिट्टी के बर्तनों की सेल्स बढ़ जाती हैैं। पहले लोग सबसे ज्यादा मिट्टïी का घड़ा खरीदना पसंद करते थे लेकिन अब लोग मिट्टी के बर्तन जैसे हांडी, तवा, कढ़ाई भी खरीद रहे हैं।सेहत के लिए अच्छे हैैं मिट्टी के बर्तन- मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करने से शरीर को मिलते हैैं आयरन, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों के गुण।- मिट्टी के बर्तन एल्कलाइन नेचर के होते हैैं जो खाने के एसिड से रिएक्ट कर के पीएच लेवल को बैलेंस करते हैैं।- ऐसे बर्तनों में कम तेल लगता है जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है।- मिट्टी के घड़े पानी की अशुद्धियों को सोख लेते हैैं जिससे पीने का पानी साफ हो जाता है।पहली बार यूज करने से पहले रखें ध्यान- बर्तनों को 6 से 12 घंटे तक पानी में भिगो लें।- दूसरे दिन उन्हें थोड़े गरम पानी से धो लें।

- धोने के लिए मेटिल के ब्रश का इस्तेमाल न करें- अधिक मिट्टी हटाने के बाद धूप में सुखा लें।- कुकिंग ऑयल से कवर करके थोड़ा पानी डाल कर गैस पर चढ़ा दें।

Posted By: Inextlive