Lucknow News: बालागंज की रहने वाली रिया राजपूत ने बताया कि वो दिन में बहुत व्यस्त रहती हैं और रात में देर से घर आती हैं। उनका खाना अकसर रात के 12 से 1 बजे के बीच में होता है। इसी दौरान सोशल मीडिया का भी ज्यादा इस्तेमाल करती हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। बिगड़ी लाइफस्टाइल के कारण लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जिसका कारण लोगों की स्लीप साइकिल खराब हो गई है। लोग ऑफिस या अपने काम से लौटने के बाद देर रात तक मोबाइल या टीवी में व्यस्त हो जाते हैं। जिसके कारण नींद न पूरी होने से बीपी, मोटापा व डायबिटीज जैसी समस्या घेर रही है। साथ ही मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, लोगों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए ताकि शरीर पर कोई बुरा असर न पड़े।देर रात तक देखते हैं मोबाइल
बालागंज की रहने वाली रिया राजपूत ने बताया कि वो दिन में बहुत व्यस्त रहती हैं और रात में देर से घर आती हैं। उनका खाना अकसर रात के 12 से 1 बजे के बीच में होता है। इसी दौरान सोशल मीडिया का भी ज्यादा इस्तेमाल करती हैं। वहीं, कॉलेज पास आउट अर्हमा अली का कहना है कि वो भी रात में 12-1 बजे तक सोती हैैं। उसके पहले वो फोन का इस्तेमाल करती हैैं और कई बार सुबह देर से उठती हैैं।बीपी, हार्ट समेत अन्य बीमारी होने का खतरा


केजीएमयू के एमएस डॉ। डी हिमांशु का कहना है कि समय से न सोने से बहुत सारी बीमारियां हो सकती हैैं। रात में देर तक बैठे या लेटे हुए मोबाइल-टीवी देखने से बीपी और मोटापा के अलावा डायबिटीज और दिल की समस्या घेर सकती है। इसके अलावा नींद पूरी न होने से आंखों पर असर पड़ता है। साथ ही चेहरे पर डार्क सर्कल की समस्या हो सकती है। साथ ही डायजेशन तक बिगड़ जाता है। कम उम्र में लोग कई बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। इतना ही नहीं, बॉडी क्लॉक भी बिगड़ जाती है, जिससे समस्या और बढ़ जाती है।मेंटल हेल्थ खराब हो जाती है

केजीएमयू के साइकियाट्रिस्ट डॉ। अनिल निश्चल ने बताया कि लेट नाइट मोबाइल और टीवी देखने की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। ओपीडी में कई पेरेंट्स अपने बच्चों को ले कर आते हैैं ताकि बच्चों की फोन की लत छुड़वा सकें। पेरेंट्स बताते हैैं कि बच्चे देर रात तक फोन चलाते हैैं, जिसकी वजह से उनमें कई समस्या हो रही है। दरअसल, नींद न पूरी होने से बॉडी साइकिल पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है, जिसके कारण मेंटल इश्यू जैसे चिढ़चिढ़ापन, एंग्जायटी, डिप्रेशन, चिल्लाना आदि की समस्या होने लगती है। साथ ही कंसंट्रेशन पावर कम हो जाती है, जिससे बच्चा पढ़ाई में और युवा कामकाज में पिछड़ने लगता है। इस तरह के 15-20 केस रोज आ जाते हैं। ऐसे में स्लीप हाइजीन पर ध्यान देना होगा। इसका मतलब है कि ऐसी आदतें जिनसे इंसान समय से और अच्छी नींद ले सके ताकि आगे चलकर मेंटल या फिजिकली कोई समस्या न हो।यह है स्लीप हाइजीन- सोने से एक घंटे पहले टीवी, फोन जैसी चीजें न देखेंं।- सोने से पहले कैफीन, निकोटिन वाली चीजों का सेवन न करें।- कोशिश करें कि समय से सोने जाएं और समय से उठें।- रात में एल्कोहल का सेवन न करें।- रात को ज्यादा खाना खाने से बचें।नींद न पूरी होने से बीपी, हार्ट, पेट आदि की समस्या होने लगती है। इसके अलावा दिन और रात का शेड्यूल बिगड़ जाता है।-डॉ। डी हिमांशु, केजीएमयूलोगों में लेट नाइट स्क्रीनिंग टाइम बढ़ गया है। नींद न पूरी होने से कार्य क्षमता पर असर पड़ता है। ऐसे में स्लीप हायजीन अपनाने की जरूरत है।-डॉ। अनिल निश्चल, केजीएमयू

Posted By: Inextlive