लखनऊ यूनिवर्सिटी में वैवाहिक मामलों के निपटारे के लिए केन्द्र की स्थापना की गई है। जिसके अन्तर्गत वैवाहिक मामलों को जल्द से जल्द निपटारे के लिए पक्षकारों को मदद के साथ-साथ तकनीकी पहलुओं की जानकारी फ्रीदी जाएगी। इस बारे में यूनिवर्सिटी के लॉ विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीपी सिंह ने बताया कि शासन की ओर से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अन्तर्गत इस केन्द्र की स्थापना की गयी है। जिसके अन्तर्गत वैवाहिक मामलों को निपटाने के लिए मध्यस्थता की जाएगी। वहीं पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो। राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वैवाहिक मामलों के विवादों में अत्यधिक बढ़ोत्तरी खासतौर से विगत दो सालों से कोविड-19 के कारण इस मामलों में और भी बृद्धि हुई है सामान्य न्यायालय इस तरह के मामलों के निपटाने में विफल रही है। इसी कारण से प्रत्येक जिलों में फैमिली कोर्ट की स्थापना की गयी है।


लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश में इस प्रकार की 189 कोर्ट कार्य कर रही हैं। जिसमें लगभग 10000 से ज्यादा मामलें लंबित हैं। वैवाहिक मामलों का निपटारा सामान्य कोर्ट के अतिरिक्त मध्यस्थता, काउंसलिग, सुलह-समझौता, पंचाटों का गठन का सहारा लिया जा सकता है। वैवाहिक पक्षकारों को कोर्ट का सामना करने की नौबत ही न आये इसके लिए ही इसके अतिरिक्त विकल्पों पर शोध करने के लिए विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस दिया गया है।रोज चार से पांच मामलों की सुनवाईइस केन्द्र पर प्रतिदिन कार्यदिवस में 4 बजे से 5 बजे के दौरान विवाद के पक्षकारों को निशुल्क सहायता प्रदान करेगा जिसके अन्तर्गत विवाह, तलाक, भरण-पोषण, उत्तराधिकार इत्यादि मामलों में लॉक परार्मश दिया जाएगा। प्रो। राकेश ने बताया कि सेंटर में मुख्य रूप से विवाद के पक्षकारों को कानूनी जानकारी, कोर्ट की प्रक्रिया, वकीलों की सहायता से संबंधित कार्य सम्पादित किये जा रहे हैं।गोपनीय रखी जाएगी जानकारी
विवाद से संबंधित पक्षकारों की जानकारियां पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी। कोई भी व्यक्ति इस सेंटर की मदद ले सकता है और अपने वैवाहिक मामलों से संबंधित कानूनी प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकता है। पक्षकार चाहे तो ईमेल के द्वारा या मोबाइल के द्वारा भी लॉक जानकारी प्रापत कर सकते है। यह सारे कार्य फ्री किए जाते हैं।

Posted By: Inextlive