आद्या शक्ति जगत जननी मां दुर्गा की उपासना व आराधना का दिन शारदीय नवरात्र का इंतजार मां के भक्तों को हमेशा रहता है। कोरोना के कारण एक ओर पंडालों में सीमित स्तर पर मां का आगमन होगा तो दूसरी ओर घर-घर में मां की आराधना होगी। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर गुरुवार से आरंभ हो रहे हैं। प्रतिपदा तिथि दिवा 3:28 तक है जबकि चित्रा नक्षत्र व गुरुवार का दिन है। वहीं अभिजीत मुहूर्त दिवा 11:36 से 12:36 तक है। वैसे कलश स्थापना सूर्योदय से लेकर दिवा 3:28 के बीच कभी भी किया जा सकता है। इस वर्ष षष्ठी तिथि का लोप है जिस कारण शारदीय नवरात्र 8 दिनों की ही है।

लखनऊ (ब्यूरो)। नवरात्रि को लेकर राजधानी की विभिन्न दुर्गा कमेटियों ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं, लेकिन आयोजकों के अनुसार कोई भव्य पंडाल या कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। इसके अलावा सीमित संख्या में भक्तों को अनुमति होगी। साथ ही कोविड डेस्क की भी स्थापना भी की जाएगी। ट्रांसगोमती दशहरा एंड दुर्गा पूजा कमेटी के तुहिन बनर्जी ने बताया कि चंद्रशेखर आजाद पार्क के पास 11 अक्टूबर के दिन मां की स्थापना होगी। इसबार भक्तों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शनों की अनुमति रहेगी। वहीं कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम या भोग नहीं लगाया जायेगा। पूजन कमेटी के सदस्यों द्वारा ही किया जायेगा।

नहीं होंगे कोई भी कार्यक्रम
कैंट दुर्गा पूजा कमेटी के निहार डे ने बताया कि इसबार भी मां की मृर्ति की स्थापना के साथ पूजा होगी। स्थापना के साथ पूजन 11 अक्टूबर से शुरू होगी। इसबार भी भक्तों को दर्शन की सुविधा रहेगी। इस बार बादलों की थीम रखी गई है। वहीं आनंद नगर दुर्गा पूजा कमेटी के जनरल सेक्रेट्री केके घोषाल ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत आयोजन होगा। मूर्ति छोटी होगी बीते साल की तरह। भंडारा की कोई व्यवस्था नहीं। केवल मां को भोग लगेगा। प्रसाद पैकेट में दिये जाएंगे। अधिक लोगों की एक साथ एंट्री नहीं रहेगी। सीमित संख्या में ही लोगों को जाने को मिलेगा। कोविड डेस्क भी बनाई जायेगी।

मां की करें आराधना
ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय बताते के मुताबिक इस वर्ष शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा का आगमन अश्व यानि घोड़े पर हो रहा है इसलिए समस्त जनमानस को चाहिए की नवरात्र में मां भगवती की निष्ठा पूर्वक आराधना करें। प्रतिपदा तिथि में कलश स्थान कर आदि शक्ति का आवाहन व षोडशोपचार पूजन कर नवार्ण मंत्र का जप, दुर्गासप्तशती का पाठ करें। नवरात्र में तन व मन से सात्विक रहें। जिससे समस्त जनमानस के लिए कल्याणकारी हो।

ऐसे करें कलश स्थापना
नवरात्री के पहले दिन माता के भक्त अपने घरों में घट स्थापना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा 9 दिनों तक इसी में वास करती हैं इसलिए घटस्थापना करते वक्त विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए स्नान करने के बाद शुद्ध तनमन से पवित्र स्थान की मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं बोएं। फिर उनके ऊपर अपनी इच्छा अनुसार सोने, तांबे अथवा मिट्टी के कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर अपने सामथ्र्य अनुसार चित्रमयी मूर्ति रखें। मूर्ति न हो तो कलश पर स्वास्तिक बनाकर दुर्गाजी का चित्र पुस्तक तथा शालग्राम को विराजित कर भगवान विष्णु का पूजन करें। नवरात्रि व्रत के आरंभ में स्वास्तिक वाचन, शांतिपाठ करके संकल्प करें। सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा कर मातृ का, लोकपाल, नवग्रह व वरुण का सविधि पूजन करें। उसके बाद मुख्य मूर्ति का पूजन करें। जगत जननी मां दुर्गा की आराधना व अनुष्ठान में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का पूजन भी जरूरी है। इसके साथ श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ नौ दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए।

इस बात का रखें ध्यान
जो लोग किन्ही कारणचश पूरे नवरात्र का व्रत नही रहे सकते हैं। उन्हें चाहिए कि वे केवल सप्तमी, अष्टमी व नवमी तिथि का व्रत कर लें। उन्हें पूरे नवरात्र व्रत का फल प्राप्त हो जाता है।

Posted By: Inextlive