LUCKNOW: उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद ने यूपी बोर्ड के दसवीं व 12वीं के परीक्षा परिणाम पर आपत्ति जताते हुए उपमुख्यमंत्री डा। दिनेश शर्मा से लिखित शिकायत की है। परिषद के प्रदेश मंत्री डा। देव प्रकाश ने डिप्टी सीएम को संबोधित पत्र में लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग की उच्च स्तरीय कमेटी ने तय किया था कि हाईस्कूल के विद्याíथयों को इस वर्ष अंक उनके कक्षा नौ के 50 प्रतिशत व 10 वीं प्री-बोर्ड परीक्षा के 50 प्रतिशत अंकों के औसत के आधार पर और इंटरमीडिएट का परिणाम विद्याíथयों के हाईस्कूल के 50 प्रतिशत अंक, कक्षा 11 के 40 प्रतिशत व इंटर के प्री-बोर्ड के दस प्रतिशत अंकों को जोड़कर तैयार किया जाएगा, मगर रविवार को घोषित हाईस्कूल / इंटरमीडिएट के परिणाम में अनेकों माध्यमिक विद्यालयों के परिणाम में विसंगति सामने आई है। विद्याíथयों के पूर्व के जो अंक विद्यालयों द्वारा यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं, उस आधार पर जो अंक विद्याíथयों को मिलने चाहिए, वह नहीं मिले। परिषद ने मामले की जांच कराकर विद्यार्थियों के अंक सुधार की मांग की है।

नेशनल में 10 और केकेवी में 14 तक अंकपत्र अपलोड करने का मौका

सभी बोर्डो के इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम जारी होने के साथ ही अब स्नातक में दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार अधिकांश संस्थानों ने आनलाइन दाखिले की प्रक्रिया अपनाई है। नेशनल पीजी कॉलेज में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को दस अगस्त तक और केकेवी में आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को 14 अगस्त तक आनलाइन इंटरमीडिएट के अंक पत्र अपलोड करने होंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन भी सोमवार को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगा।

70 फीसद परीक्षार्थियों ने छोड़ीं परीक्षाएं

लखनऊ विश्वविद्यालय समेत 11 केंद्रों पर रविवार को आयुष मंत्रालय के सेंट्रल काउंसिल फार रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (सीसीआरएएस) की ओर से लोवर डिविजनल क्लर्क और अपर डिविजनल क्लर्क की परीक्षाएं आयोजित की गईं। लविवि की ओर से परीक्षा समन्वयक आरबी सिंह मून ने बताया कि परीक्षाएं तीन पालियों में (सुबह 9:30 से 11, दोपहर 12 से दो और शाम चार से छह बजे) तक हुईं। परीक्षाओं में 30 फीसदी ही अभ्यर्थी शामिल हुए, जबकि 70 फीसद परीक्षार्थी गैर हाजिर रहे।

सील इमारतों का 90 फीसद काम पूरा

डिफेंस एक्सपो के दौरान रायबरेली रोड पर बन रही आठ मंजिला इमारत को तत्कालीन संयुक्त सचिव ऋतु सुहास के आदेश पर पूर्व उपाध्यक्ष पीएन सिंह ने सील कराई थी। उसके बाद अभियंताओं की मिलीभगत से इमारत बनती रही। इमारत 90 फीसद तक बन चुकी है। इसके अलावा वृंदावन पार्क प्लाजा की इमारत भी लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियमों के विरुद्ध बनाई गई है।

अक्टूबर 2019 में रायबरेली रोड से निकलने के दौरान पूर्व उपाध्यक्ष पीएन सिंह ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता कमलजीत सिंह को इमारतों को सील करने के निर्देश दिए थे। उस वक्त अवर अभियंता इम्तियाज थे।

Posted By: Inextlive