कैंट के नीलमथा एरिया में शनिवार को दिनदहाड़े बेखौफ नकाबपोश बदमाशों ने रेलवे के दिव्यांग ठेकेदार की गोलियां मारकर हत्या कर दी। ठेकेदार ने अपनी सुरक्षा के लिए घर पर तीन प्राइवेट गार्ड रखे तो जो बदमाशों के घर में आते ही भाग गए। इसके बाद बदमाशों ने घर में मौजूद ठेकेदार की पत्नी और बच्चों को एक कमरे में बंद किया और ठेकेदार के कमरे में जाकर उस पर तीन-चार गोलियां चला दीं। दो गोलियां ठेकेदार के सिर पर लगीं और उसकी मौत हो गई। हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर संग कई बड़े अधिकारी और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची।


लखनऊ (ब्यूरो)। एडीसीपी कासिम आब्दी के मुताबिक बिहार के पश्चिम चंपारण निवासी राजेंद्र ठाकुर का बेटा वीरेंद्र ठाकुर (42) कैंट के नीलमथा बाजार स्थित प्राइमरी पाठशाला के पीछे परिवार के साथ रहता था। वीरेंद्र पैर से दिव्यांग थे। वीरेंद्र रेलवे का ठेकेदार था और अपना सारा काम वह फोन के माध्यम से करता थे। वीरेंद्र ने दो शादी की थीं। पहली पत्नी प्रियंका से तीन बच्चे अंश (8), ऋषि (5) और अभिषेक (15) हैं। कुछ साल पहले प्रियंका उसे छोड़ कर किसी के साथ चली गई, जबकि तीनों बच्चे उसके साथ ही रहते थे। उसने कुछ साल पहले ही खुशबून तारा के साथ दूसरी शादी की थी। घर पर तैनात थे तीन गार्ड


वीरेंद्र पर पहले भी जानलेवा हमला हो चुका था, जिसके चलते उसने न सिर्फ घर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे, बल्कि तीन प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात कर रखे थे। वीरेंद्र शनिवार दोपहर कमरे में बेड पर लेटा था। पत्नी व दो बच्चे घर पर थे, वहीं बड़ा बेटा स्कूल गया था। दोपहर 12:30 पर तीन नकाबपोश बदमाश घर पर आए और दरवाजा खटखटाया। गार्ड ने जैसे ही दरवाजा खोला और देखा बदमाशों के पास असलहे हैं तो वे वहां से भाग गए।डीवीआर भी साथ ले गए

तीनों बदमाश घर में दाखिल हुए और उन्होंने वीरेंद्र की पत्नी और बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद वे वीरेंद्र के कमरे में गए और उस पर तीन से चार राउंड फायर किए। दो गोलियां उसके सिर पर मारीं और इसके बाद बदमाशों ने सीसीटीवी का डीवीआर लिया और वहां से चले गए।पूर्व पत्नी पर हत्या करवाने का आरोप पुलिस के अधिकारियों के अनुसार वीरेंद्र की दूसरी पत्नी खुशबून तारा का कहना है कि वीरेंद्र का अपनी पहली पत्नी प्रियंका से विवाद चला करता था और पिछले 2 साल से वे अलग रह रहे थे। उसी विवाद के चलते वीरेंद्र ने खुशबून तारा से दूसरी शादी की थी। अक्सर फोन पर उसका विवाद प्रियंका से होता रहता था और शायद उसने सुपारी देकर हत्या की पूरी साजिश रची है। फिलहाल पुलिस इन बिंदु के साथ-साथ ठेकेदारी और पूर्व में हुए हमले के कारणों की भी जांच पड़ताल कर रही है। सिर पर मारी दो गोलियां एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी ने बताया कि हत्यारे वीरेंद्र की हत्या का पूरा प्लान बनाकर आये थे। वह बचे न इसलिए पास जाकर उसके सिर पर दो गोलियां मारी गई हैं। इस घटना में 315 बोर के असलहे का इस्तेमाल किया गया है।

सुरक्षाकर्मियों की भूमिका संदिग्धपुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया की शाहजहांपुर निवासी तीन सुरक्षाकर्मी वीरेंद्र के यहां तैनात थे। बदमाश जब घर पर आए तो एक सुरक्षाकर्मी ने दरवाजा खोला, जिसे तीनों बदमाशों ने धमकाकर किनारे कर दिया। बाकी दोनों सुरक्षाकर्मियों के पास भी असलहे थे लेकिन किसी ने उसका यूज नहीं किया। घटना के बाद से सिक्योरिटी गार्ड फरार हैं। जिससे उन पर भी संदेह जा रहा है। जिनकी तलाश की जा रही है।

पारिवारिक विवाद व ठेकेदारी बिंदु पर मर्डर केस की जांच की जा रही है। जांच के लिए टीमें बनाई गयी हैं। पूर्व पत्नी से पूछताछ के साथ साथ फरार निजी सुरक्षाकर्मियों की भूमिका के बारे में पता लगाया जा रहा है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज के साथ साथ घर में सभी सदस्यों के मोबाइल की सीडीआर देखी जा रही है। पूर्व में हुए हमले को लेकर भी ब्योरा खंगाला जा रहा है। - डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर लखनऊ

Posted By: Inextlive