लाखों के स्पीडो मीटर बेकार, नहीं थम रही रफ्तार
लखनऊ (ब्यूरो)। अकेले लोहिया पथ की बात करें तो इस रूट पर स्पीड मानक 40 किमी है जबकि इस रूट पर कोई भी चार पहिया वाहन 60 किमी से कम रफ्तार से नहीं दौड़ती है जबकि इस रूट पर सीएम आवास, डीजीपी आवास होने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण प्वाइंट भी हैं जहां रफ्तार पर ब्रेक लगाने की जरूरत है। हालांकि न तो यहां कोई स्पीडो मीटर काम कर रहा है और न ही किसी भी वाहन का ओवर स्पीड का चालान किया जाता हैैं।
25 का मानक 50 से कम नहीं होती रफ्तार
समतामूलक चौराहे से कुकरैल बंधा होते हुए खुर्रमनगर जाने वाली लिंक रोड के रफ्तार की मानक 25 किमी प्रतिघंटा है, हालांकि इस रूट पर दौडऩे वाली गाडिय़ों की रफ्तार 50 से 60 किमी प्रतिघंटा से कम नहीं होती हैै। हालांकि आईटीएमएस का दावा है कि इस रूट पर स्पीडो मीटर लगा है, लेकिन किसी भी वाहन का चालान नहीं होता हैै।
- जियामऊ में दोनों तरफ
- बांग्ला बाजार से कैंट की तरफ
- बाराबिरवां से पारा की तरफ
- समतामूलक से खुर्रमनगर जाने वाली रूट पर
एक नजर ट्रैफिक विभाग पर
- 2 हैंडी कैमरे विद स्पीडो मीटर
- 2 लाख इसकी कीमत
- 1 हैैंडी गन कैमरा विद स्पीडो मीटर
- 2.15 लाख रुपये कीमत इसकी
- 40 किमी प्रति घंटा लोहिया पथ
- 25 किमी प्रतिघंटा समतामूलक से कुकरैल बंधा खुर्रमनगर
- 30 किमी प्रतिघंटा चारबाग से ट्रांसपोर्ट नगर
- 40 किमी प्रतिघंटा ट्रांसपोर्ट नगर से स्कूटर इंडिया
- 25 किमी प्रतिघंटा परिवर्तन चौक से आईटी चौराहा
- 20 किमी प्रतिघंटा सभी संपर्क मार्ग जो 100 से 500 मीटर तक
- 20 कमी प्रतिघंटा कॉलोनी से होकर गुजरने वाली रोड
- 25 किमी प्रतिघंटा सभी भीड़भाड़ इलाके में
- 35 किमी प्रतिघंटा विशालखंड से हैनीमैन चौराहा
केवल आगरा एक्सप्रेस वे पर होता है चालान
ओवर स्पीड की बात करेें तो केवल आगरा एक्सप्रेस वे पर लगे कैमरे से ही ओवर स्पीड वाहनों का चालान किया जाता है। इसके अलावा शहर में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी एक भी चालान ओवर स्पीड का नहीं किया गया है और न ही किया जा रहा है। हालांकि 40 प्रतिशत रोड एक्सीडेंट में ओवर स्पीड सबसे बड़ी वजह है। 24 घंटे पहले लोहिया पथ पर हुए हादसे में गई तीन लोगों की जान भी ओवर स्पीड के चलते गई।
ओवर स्पीड का 2 हजार रुपये जुर्माना
ट्रैफिक नियमों के अनुसार ओवर स्पीड का चालान होने पर वाहन स्वामी को दो हजार रुपये का जुर्माना भरना होता है। हालांकि हर दिन ट्रैफिक विभाग अलग-अलग मदों में चालान करता है। जैसे सीट बेल्ट, हेलमेट, नो पार्किंग, सांग साइट पार्किंग जैसे तमाम मदों में चालान होता है, लेकिन ओवर स्पीड का चालान ट्रैफिक पुलिस नहीं करती हैैं।
तो हादसों पर लग सकता है अंकुश
लोहिया पथ व कुकरैल बंधा खुर्रमनगर इलाके में दो पहिया वाहन से चलने पर डर लगता है। वहां तेज रफ्तार से गाडिय़ां दौड़ती हैं। कई बार हादसे भी हो चुके हैं। स्पीडो मीटर से चालान किया जाए तो हादसों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
-मुकेश
शहर में स्पीडो मीटर से चालान के बारे में अभी तक नहीं सुना है। हालांकि अगर इससे चालान की कार्रवाई की जाए तो शायद स्पीड पर लगाम लग सकती है। अक्सर लोग चार पहिया वाहन में बैठने पर स्पीड पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और ओवर स्पीड के चलते हादसे का शिकार बन जाते हैं। इससे न केवल उनकी बल्कि कई बेकसूर लोगों की जान भी आफत में पड़ जाती है।
-संदीप श्रीवास्तव