संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरु के दीवान के सामने शीष झुकाकर आशीर्वाद लिया। गुरुद्वारे के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने उन्हें गुरुद्वारा साहिब का यादगार हुकुमनामा सिरोपा व तलवार भेंट की।

लखनऊ (ब्यूरो)। सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के 401वें प्रकाश पर्व पर गुरुवार को शहर के गुरुद्वारे शबद कीर्तन की मधुर ध्वनि से गूंज उठे। इस भक्तिपूर्ण माहौल के बीच दरबार हाल में विराजमान फूलों से सजे गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष संगत ने माथा टेक खुशहाली की दुआ मांगी। ज्ञानियों ने गुरु के जीवन पर प्रकाश डाला, तो वहीं गुरु का अटूट लंगर भी चला।

यहियागंज गुरुद्वारा: गुरु ग्रंथ साहिब पर फूलों की वर्षा
गुरु तेग बहादुर जी की विश्रामस्थली में से एक यहियागंज गुरुद्वारे में भोर चार बजे नितनेम साहिब व सुखमणि साहिब के पाठ से दीवान का शुभारंभ हुआ। गुरु ग्रंथ साहिब पर हुई फूलों की वर्षा प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही। भाई रणधीर सिंह ने शबद कीर्तन कर सभी को निहाल किया। ज्ञानी किशन सिंह ने गुरु महाराज के सिद्धांतों से सभी को अवगत कराया। संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरु के दीवान के सामने शीष झुकाकर आशीर्वाद लिया। गुरुद्वारे के अध्यक्ष डॉ। गुरमीत सिंह ने उन्हें गुरुद्वारा साहिब का यादगार हुकुमनामा, सिरोपा व तलवार भेंट की।

नाका गुरुद्वारा: पवित्र आसा दी वार का शबद कीर्तन गायन
नाका गुरुद्वारा का दरबार हॉल रंग बिरंगे फूलों और गुब्बारों से सजाया गया। सुखमणि साहिब के पाठ के साथ प्रकाश पर्व को समर्पित दीवान का आरंभ हुआ। रागी जत्था भाई राजिंदर सिंह ने मधुर वाणी ने पवित्र आसा दी वार का शबद कीर्तन गायन किया। रागी भाई प्रीतम सिंह ने साधो मन का ममान जिआगत हरि का नाम सदा सुखदायी शबद कीर्तन कर सभी को निहाल किया। ज्ञानी सुखदेव सिंह ने गुरु जीवन पर प्रकाश डाला कि किस तरह से गुरु ने औरंगजेब की अत्याचारी चुनौतियों का निडरता से सामना किया। उन्होंने भारत की संस्कृति व हिंदू धर्म की रक्षा के लिए चांदनी चौक में 1675 में अपना शीष देकर बलिदान दे दिया था। तभी से गुरु तेग बहादुर को हिंद की चादर कहा जाने लगा।

सदर गुरुद्वारा: तेग बहादुर सिमरिऐ, घर नउ आवै धाइ
सदर गुरुद्वारे में प्रकाश पर्व को समर्पित सुबह का विशेष दीवान सजा। हजूरी रागी नवनीत सिंह ने तेग बहादुर सिमरिऐ, घर नउ आवै धाइ शबद गायन कर संगत में गुरु भक्ति का संचार किया। ज्ञानी हरविंदर सिंह ने गुरु के जीवन से अवगत कराते हुए बताया कि गुरु जी का जन्म 1621 में अमृतसर में हुआ था। वह अपने त्याग, शौर्य और बलिदान के कारण विख्यात हुए। गुरुद्वारे के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने सभी को गुरु पर्व की बधाई दी। गुरु का प्रसाद लंगर भी वितरित किया गया।

चंदरनगर गुरुद्वारा: अमृतवेला का आयोजन
चंदरनगर गुरुद्वारे में बाबा दीप सिंह जी फाउंडेशन की ओर से अमृतवेला का आयोजन हुआ। गुरु ग्रंथ साहिब पर फूलों की वर्षा की गई। भाई गुरुमीत सिंह ने नाम सिमरन द्वारा भक्तों को निहाल किया। कार्यक्रम का यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण भी हुआ।

Posted By: Inextlive