एलर्ट: अगर मॉडिफाई कराया अपना वाहन तो होगा परमिट कैंसिल
कमाई के चक्कर में करते हैं छेड़छाड़
राजधानी की सड़कों पर स्कूली वैन, स्कूल बसों के साथ ही डग्गामार बसें अधिक से अधिक यात्रियों को ढोने के लिए वाहनों के मूल स्वरूप से छेडछाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कहीं अतिरिक्त बेंचे डाली जा रही हैं तो किसी ने सीटों में परिवर्तन कर दिया है। वहीं डग्गामार बसों में सिटिंग कैपेसिटी बढ़ा दी जाती है। मोटरयान नियमावली की धारा 52 के तहत गाड़ी के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करना एक अपराध से कम नहीं है। वहीं वाहन मालिक जुर्माना देकर उनका संचालन करते रहते हैं।
मोटर व्हेकिल एक्ट में किया गया संशोधन
परिवहन विभाग ने रोड से ऐसे वाहनों को हटाने के लिए उनकी परमिट रद करने का निर्णय लिया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की मानें तो ऐसे वाहनों के परमिट रद करने का अधिकारियों को आदेश दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 207 के तहत परमिट शर्तो का उल्लंघन हो रहा है। धारा 52 के विरुद्ध वाहन स्वामी अपने वाहनों के मूलभूत ढांचे में परिवर्तन कर रहे हैं। अब चेकिंग के दौरान ऐसे वाहन पकड़े जाने पर चालान की जगह उनकी परमिट रद की जाएगी।
वाहनों को मॉडीफाई कराने से जहां उस पर लोड बढ़ जाता है। वहीं दुर्घटना होने पर जान माल दोनों का खास नुकसान होता है। इसी के चलते इस मामले में परमिट रद्द करने का फैसला लिया गया।
पी गुरु प्रसादपरिवहन आयुक्तउत्तर प्रदेश परिवहन विभाग