- मां का मंदिरों में हुआ भव्य श्रृंगार

- कोरोना से मुक्ति की हुई कामना

LUCKNOW: नवरात्रि के चौथे दिन शुक्रवार को मां भगवती के चौथे स्वरूप कुष्मांडा स्वरूप की पूजा और अर्चना की गई। एक ओर देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का पहुंचना जारी रहा। वहीं घरों में भी लोगों ने विधि पूर्वक मां की पूजा-आराधना की। इस दौरान मंदिर परिसर मां के जयघोषों से गूंज उठा। वहीं, कोविड प्रोटोकॉल के तहत सीमित संख्या में ही लोगों को अंदर आने दिया गया।

घरों में हुई पूजा

नवरात्रि के चौथे दिन मां के भक्तों द्वारा घरों में हवन पूजन का अनुष्ठान किया गया। महिलाओं द्वारा माता के मंगल गीत प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी गाये गये और कोरोना से जल्द मुक्ति की कामना की गई। इसके अलावा घरों में मां को भोग लगाया गया, जिसे बाद में परिजनों में प्रसाद के तौर पर बांटा गया। लोगों ने घरों में ही रहकर पूजा और आराधना की। साथ ही बाहर जाने से परहेज किया।

गरुड़ पर सवार हुई मां

ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी मंदिर में मां का कुष्मांडा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इस दौरान मंदिर को फूलों से सजाया गया। कुम्हड़े को अर्पण करने के साथ प्रसाद में केला और खोया चढ़ाया गया। चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर में मां गरुड़ पर सवार हुई। वहीं भक्तों ने स्वयं ही प्रसाद चढ़ाया। शास्त्रीनगर स्थित दुर्गा मंदिर में मां का फूलों से भव्य श्रंगार किया गया। चौक स्थित छोटी और बड़ी कालीजी मंदिर में सुबह कपाट खुलने के बाद भक्तों का पहुंचना जारी रहा।

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स्कंदमाता की पूजा से मिलता है विशेष लाभ

मां का ध्यान करके उनका षोडशोपचार व पंचोपचार पूजन करके माता को श्वेत कमल का पुष्प अर्पित करें। निम्न मंत्र का जप करें। कुमारी कन्यायें और स्त्रियां ऊं क्लीं हे गौरी शंकराधरंगी यथा त्वं शंकर प्रिया तथा श्माम् कुरु कल्याणि कान्त कान्तम सुदुर्लभद्बम क्लीं ऊं मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद भोग और आरती करें। इससे कुमारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है एवं विवाहिता स्त्रियों को सौभाग्य व सुख की प्राप्ति होती है। संतान सुख की इच्छा से जो व्यक्ति मां स्कंदमाता की आराधना करना चाहते हैं उन्हें नवरात्र की पांचवीं तिथि को लाल वस्त्र में सुहाग चिन्ह सिंदूर, लाल चूड़ी, महावर, नेल पेंट, लाल बिंदी तथा सेब और लाल फूल एवं चावल बांधकर मां की गोद भरनी चाहिए।

Posted By: Inextlive