- कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए झूलेलाल घाट पर किया गया प्रतिमा विसर्जन

LUCKNOW:

कोरोना संक्रमण का असर सिंदूर खेला और प्रतिमा विसर्जन के दौरान भी देखने को मिला। इस बार बंगाली समाज के महिलाओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन से पूर्व सिंदूर खेला के दौरान मां से कोरोना संक्रमण से मुक्ति दिलाने की कामना की। अधिकतर जगहों पर सिर्फ मां को सिंदूर लगाकर रस्म अदायगी की गई। वहीं झूलेलाल घाट पर सिर्फ चार-पांच लोगों को ही प्रतिमा विसर्जन के दौरान जाने दिया गया।

सिंदूर खेला की निभाई रस्म

सोमवार को दुर्गा समितियों की ओर से मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। विसर्जन से पहले ढाक की धुनों और धुनुचि के बीच मां की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद केवल दुर्गा समितियों की महिला सदस्यों ने सिंदूर खेला की रस्म निभाई। सभी ने मां को सिंदूर लगाने के बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य की कामना की।

झूलेलाल घाट पर हुआ विसर्जन

मां की प्रतिमा का विसर्जन गवर्नमेंट द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार किया गया। इसके लिए झूलेलाल घाट पर 2-3 गड्ढे खोदकर उनमें पानी भरा गया था। सुबह से ही भक्त प्रतिमा विसर्जन करने के लिए यहां आने लगे थे। एक अनुमान के अनुसार इसबार करीब 90 दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

4-5 लोगों को मिली अनुमति

कोविड प्रोटोकॉल के तहत विसर्जन स्थल पर केवल 4-5 लोगों को ही प्रतिमा के साथ आने की अनुमति दी गई। इस दौरान सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा। वहीं विसर्जन के वीडियो भी बनाए गए, जिन्हें समितियों के वाट्सएप नंबर पर भेजा गया। इस बार क्रेन की मदद से मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।

परिसर में ही किया विसर्जन

इस बार बंगाली क्लब में प्रतिमा विसर्जन परिसर में ही किया गया। यहां सिंदूर खेला के बाद मां की पूजा-अर्चना की गई और इसके बाद समिति के सदस्यों की मौजूदगी में ही मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।

Posted By: Inextlive