यह गैैंग शहर में दस दिन रुक कर टप्पेबाजी करता था। वारदात को अंजाम देने के बाद दूसरे राज्य के लिए निकल जाता था। मामला शांत होने पर शहर में वापस आकर वारदात को अंजाम देते। टप्पेबाजी में मिले ज्वैलरी को मध्य प्रदेश में ले जाकर बेचते थे।


लखनऊ (ब्यूरो)। मध्य प्रदेश का शातिर ठग गिरोह क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी बनकर टप्पेबाजी करते थे। चौक पुलिस ने इस ईरानी गैैंग के पांच सदस्यों को कुडिय़ाघाट के पास से गुरुवार को गिरफ्तार किया है। इनके पास 6 लाख रुपये के ज्वैलरी व असलहा समेत कई सामान बरामद हुआ है।मध्य प्रदेश के रहने वालेडीसीपी पश्चिम एस चनप्पा के मुताबिक पकड़े गए पांच आरोपियों मध्य प्रदेश के ईरानी गैैंग के सदस्य हैं। टप्पेबाजों में मध्य प्रदेश बुरहानपुर के साहेल जाफरी उर्फ बाबडू उर्फ बादशाह व मोहसिन खान उर्फ बाकड़, शहडोल निवासी सलमान अली, महाराष्ट्र ठाणे का अमजद अली उर्फ लंगड़ा और माल लोधौरा के अजय राज शामिल है। आरोपियों के पास से करीब 6 लाख की ज्वैलरी, बाइक और पुलिस का फर्जी आई कार्ड बरामद हुआ है।दस दिन रुक करते थे वारदात


एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक यह गैैंग शहर में दस दिन रुक कर टप्पेबाजी करता था। वारदात को अंजाम देने के बाद दूसरे राज्य के लिए निकल जाता था। मामला शांत होने पर शहर में वापस आकर वारदात को अंजाम देते। टप्पेबाजी में मिले ज्वैलरी को मध्य प्रदेश में ले जाकर बेचते थे।तीन टीमें करती थी वारदात

एसीपी चौक आईपी सिंह के मुताबिक टप्पेबाजों का यह गिरोह तीन टीमों में वारदात को अंजाम देता था। यह लोग एक साथ सुबह दो बाइक पर बैठकर शहर में घूम घूम कर टारगेट खोजते थे। रास्ते में कोई बुजुर्ग महिला या पुरुष सोने के ज्वैलरी पहने मिलता तो उसके करीब 100 मीटर आगे जाकर एक टीम खड़ी हो जाती। दूसरी टीम के सदस्य पुलिस कर्मचारी बनकर उस बुजुर्ग व्यक्ति को बुलाकर पहली टीम के फर्जी क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर के पास ले जाते। उसके बाद लूट का डर दिखाकर ज्वैलरी उतारकर रखने को कहते। तभी तीसरा साथी एक बैग लेकर अंजान होने का नाटक कर इनके पास से निकलता। उसे भी जांच के नाम पर रोका जाता। उसके सामने भी वहीं कहानी बताई जाती। जिससे बुजुर्ग उनकी बातों में आकर जेवर उतार देता है। जिसको यह लोग पुडिय़ा में बांधने के दौरान बदलकर भाग जाते।

Posted By: Inextlive