दिल्ली मुंबई और अहमदाबाद के बाद लखनऊ में भी नाइट पार्टीज का चलन तेजी से बढ़ा है. यहां की रातें मायानगरी मुंबई से आ रही ड्रग्स से खूब रंगीन हो रही हैं. पॉश इलाकों में देररात तक होने वाली इन पार्टीज में जमकर शराब बहती है तो पार्टी में ड्रग्स का भी खूब कंजम्शन होता है. पार्टी ड्रग्स जैसे मेथाडोन आदि की बढ़ती डिमांड को देखते हुए मुंबई के ड्रग पैडलर्स के लिए नवाबी नगरी अब काफी फायदे का सौंदा साबित हो रही है. एसटीएफ और एनसीबी की कार्रवाई पर नजर डालें तो यह बात पुख्ता होती है कि राजधानी की हाईप्रोफाइल पार्टीज में यूथ नशे के जाल में फंसते जा रहे हैं।

लखनऊ (ब्यूरो) । मुंबई के तस्कर यूपी की पार्टियों में शामिल होकर पहले युवाओं को अपने जाल में फंसा रहे हैं फिर दो से चार गुना कीमत पर उन्हें मेथाडोन ड्रग्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिन्हें मेफेड्रोन, मिथाइलमेथ कैथिनोन व एमएमसी के नाम से भी जाना जाता है। आम बोलचाल में म्याउं-म्याउं व ड्रोन जैसे नामों से पुकारे जाने ड्रग्स पार्टी में युवाओं के बीच तेजी से अपनी पहचान बना रही है।

चार बार पकड़े गए सप्लायर्स
लखनऊ से मुंबई के गोरेगांव निवासी अजीम को 190 ग्राम मेथाडोन ड्रग के साथ पकड़ा गया था। उसने पूछताछ में लखनऊ व कानपुर के कई युवकों को पार्टी ड्रग सप्लाई करने की बात स्वीकार की। यहीं नहीं इस वर्ष यह चौथा मामला पकड़ा गया है। इससे पूर्व एसटीएफ मार्च, मई व जुलाई में भी मुंबई से सप्लाई की गई पार्टी ड्रग पकड़ चुकी है। अब एसटीएफ इस बढ़ते नेटवर्क में शामिल तस्करों के साथ सिंथेटिक ड्रग के खरीदारों की छानबीन कर रही है। उसकी जांच का दायरा बढ़ रहा है।

पार्टियों में शामिल होकर फंसाते हैं
एसटीएफ के एसएसपी हेमराज मीणा का कहना है कि अब तक छानबीन में सामने आया कि मुंबई से ट्रेन व सड़क मार्ग के अलावा कोरियर के जरिए पार्टी ड्रग की सप्लाई का नेटवर्क सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली व अहमदाबाद से भी युवा प्रदेश के शहरों में आकर पहले पार्टियों में शामिल होते हैं और फिर युवाओं को अपने जाल में फंसाते हैं। लॉकडाउन के बाद रामपुर निवासी रियाज भी मुंबई से वापस आया था और फिर यहां पार्टी में ड्रग की सप्लाई करने लगा था।


दो से चार गुना कीमत पर सप्लाई
एसटीएफ के एक अधिकारी के अनुसार मुंबई से ड्रग लाकर उसे प्रदेश में दो से चार हजार रुपये तक प्रति ग्राम की दर से सप्लाई की जा रही है। सप्लाई के इस नेटवर्क में स्थानीय युवकों को भी एजेंट की तरह जोड़ा जा रहा है, जिन्हें कोरियर के जरिए भी पार्टी ड्रग सप्लाई की जाती है। यह भी सामने आया कि तस्कर पुलिस को चकमा देने के लिए मुंबई से ट्रेन से आकर प्रदेश के छोटे स्टेशनों पर उतर जाते हैं और फिर सड़क मार्ग से बड़े शहरों का रुख करते हैं। तस्कर इंटरनेट मीडिया के जरिए भी अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं।
स्काई एप के जरिए गैंग करता था ऑपरेट
एसटीएफ टीम की पूछताछ में पकड़े गए आरोपी मो। कयूम ने बताया कि करीब 15 वर्षों से बहराइच व उसके आस-पास की जनपदों में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करता था। पुलिस की कार्रवाई उसके खिलाफ बढऩे पर वह भाग कर रौनाही अयोध्या आ गया। इसके बाद वह पूर्वांचल व नेपाल तक तस्करी करता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात रियाज अली से हुई। कयूम व रियाज को जानकारी हुई कि मैथाडोन ड्रग्स की बड़े शहरों में बहुत डिमांड है। दोनों ने इसके लिए एक साथी गुलाब खान से संपर्क किया। गुलाब दिल्ली में मादक पदार्थ का सप्लायर है और उसके कई शहरों में कांटेक्ट हैं। वह दोनों से स्काई एप से जुड़ा रहता था।


एप के जरिए मंगवाते थे ड्रग्स
दिल्ली के एक शख्स से ही स्काई एप के जरिए मैथाडोन ड्रग्स मंगवाई जाती थी। कयूम व रियाज मिलकर मुंबई व गुजरात में सप्लाई करते थे। यह लोग डिमांड के अनुसार ही लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में ड्रग्स की सप्लाई करते थे। एसटीएफ के अनुसार अजीम ने पूछताछ में बताया कि वह 2020 से तौहीद बशीर अहमद के लिए काम करता है। तौहीद से यह ड्रग्स लेकर लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी समेत अन्य जिलों में बेचता है। तौहीद ही ग्राहकों व जगहों के विषय में डिलीवरी देने से पहले बताता है। गिरफ्तारी से पहले मंगलवार को लखनऊ में मुकीम को 10 ग्राम, यश और रोहित को 115 ग्राम मैथाडोन दिया था, जिसके एवज में एक लाख रुपए नकद और एक लाख तीस हजार रुपए तौहीद के खाते में डाल दिया था।


एक सप्लाई का मिलता है दस हजार
अजीम के मुताबिक तौहीद के कहने पर ही वह इसकी सप्लाई कानपुर के एक युवक को करने जा रहा था। तौहीद एक सप्लाई के लिए उसे दस हजार रुपया देता था। तौहीद के कहने पर कानपुर, कोलकाता व लखनऊ में इसकी सप्लाई करता है। इस ड्रग्स को यह लोग नाइट पार्टी क्लब में इस्तेमाल करने के लिए नशे के रूप में प्रयोग करते हैं। तौहीद मुंबई में अन्य लोगों से भी माल सप्लाई करता है। तौहीद के कहने पर इस ड्रग्स को लेकर कानपुर जा रहा था। रास्ते में पकड़ा गया।


मुंबई में बिकने वाला महंगा नशा मेफेड्रोन
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मुंबई में मेफेड्रोन की अधिक डिमांड है, जिसे बड़े-बड़े क्लबों, पार्टियों और फिल्म इंडस्ट्री में काफी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। अब इधर इसकी डिमांड यूपी व उत्तराखंड में भी बढ़ी है। मेफेड्रोन को आसानी से रसोई लैब में बनाया जा सकता है। इसलिए इसे कृत्रिम कोकीन कहते हैं। इस नशे को सूंघ कर, धूम्रपान और ड्रिंक्स के साथ भी किया जा सकता है।


11 माह में एसटीएफ का एक्शन

मेथाड्रोन ड्रग्स
2 केजी 673 ग्राम
कीमत 2.67 करोड़

स्मैक
4.43 केजी
कीमत - 4 करोड़

अफीम
26 केजी 100 ग्राम
कीमत 1.30 करोड़

चरस
161 केजी 800 ग्राम
कीमत 8 करोड़ 90 लाख

गांजा
17038 केजी
कीमत 42.5 करोड़

अब तक गिरफ्तार हुए सप्लायर्स
125

(एसटीएफ का आंकड़ा 11 माह का)
.।
एनसीबी लखनऊ का आंकड़ा तीन साल का

2019

केस रजिस्टर्ड - 43
गिरफ्तारी - 125
गांजा - 8360 केजी
चरस - 183 केजी
पोपी स्ट्रो - 2575 केजी
हिरोइन - 6.56 केजी
मारफीन - 7.58 केजी

2020
टोटल केस - 38
गिरफ्तारी - 90

गांजा - 13.806 केजी
ओपियन - 431 केजी
चरस - 3300 केजी
पोपी स्ट्रो - 3300 केजी


2021 से 11 नवंबर तक

रजिस्टर्ड केस - 40
गिरफ्तारी - 111
गांजा - 9598.3 केजी
चरस - 12.816 केजी
अल्पोजोलम - 0.613 केजी
फेंसेडी - 82.350 केजी
हेरोइन - 0.613 केजी
मारफीन - 2.25 केजी
सीबीसीएस - 115272 बोटल

(एनसीबी का आंकड़ा)


अब तक छानबीन में मुंबई से ट्रेन व सड़क मार्ग के अलावा कोरियर के जरिए पार्टी ड्रग की सप्लाई का नेटवर्क सामने आया है। एक साल में बड़े पैमाने पर कार्रवाई भी हुई है, जिसमें करीब 125 सप्लायर्स को गिरफ्तार कर बड़ी खेप बरामद की गई है।-

हेमराज मीणा, एसएसपी एसटीएफ

Posted By: Inextlive