5 हजार व्यवसायिक संपत्तियां आईं सामने

1750 आवासीय संपत्तियां मिलीं

28 करोड़ के करीब टैक्स की वृद्धि होगी

- जीआईएस सर्वे में जोन चार में 6700 नई आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां आईं सामने

- उक्त संपत्तियों से नगर निगम को करीब 18 करोड़ टैक्स मिलेगा

abhishekmishra@inext.co.in

LUCKNOWएक तरफ जहां नगर निगम की ओर से टैक्स का लक्ष्य हासिल करने के लिए भवन स्वामियों को लगातार टैक्स जमा करने संबंधी एसएमएस भेजे जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जीआईएस सर्वे की आई रिपोर्ट नगर निगम को एक खजाने के रूप में मिल गई है। इसकी वजह यह है कि सर्वे में जो नई संपत्तियां सामने आई हैं, उनसे मिलने वाले टैक्स से निगम का कोष भरना तय है।

जोन चार में सर्वे

नगर निगम की ओर से जोन चार (गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, विभूति खंड इत्यादि) में जीआईएस सर्वे कराया जा रहा था। लॉकडाउन से पहले इस सर्वे को लगभग पूरा कर लिया गया था। अब जो रिपोर्ट सामने आई, उससे कहीं न कहीं निगम अधिकारियों की टैक्स वसूली संबंधी उलझन को खासा हद तक कम कर दिया है।

5 हजार नई व्यावसायिक संपत्तियां

सर्वे के दौरान करीब 5 हजार नई व्यावसायिक संपत्तियां सामने आई हैं। व्यावसायिक संपत्तियां सामने आने से साफ है कि निगम को टैक्स के रूप में अच्छी खासी कमाई होगी। इसी तरह आवासीय संपत्तियों की बात की जाए तो सर्वे में 1750 के करीब नए भवन सामने आए हैं। नए भवन का नए सिरे से टैक्स असेसमेंट कराया जाएगा, फिर उसके आधार पर टैक्स की वसूली की जाएगी।

27 करोड़ के लगभग टैक्स

सर्वे में यह जानकारी भी सामने आई है कि उक्त नई व्यावसायिक और आवासीय संपत्ति सामने आने के बाद निगम को करीब 27 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में अतिरिक्त मिलेंगे। हालांकि निगम प्रशासन यह भी मानकर चल रहा है कि नए सिरे से टैक्स असेसमेंट कराए जाने के बाद अगर 20 करोड़ रुपये भी टैक्स के रूप में जमा हो जाते हैं, तो खासा राहत भरा कदम होगा।

जारी हो रही नोटिस

जोनल अधिकारी जोन चार राजेश सिंह ने बताया कि जो भी नई संपत्तियां सामने आई हैं, उन्हें निगम प्रशासन की ओर से टैक्स जारी करने का काम शुरू कर दिया गया है। निगम प्रशासन का प्रयास यही है कि जल्द से जल्द टैक्स जमा हो जाए। निगम प्रशासन की ओर से यह भी अपील की गई है कि जल्द से जल्द ऐसी नई संपत्तियों का टैक्स असेसमेंट कराया जाए, जिनका असेसमेंट अभी तक नहीं हुआ है।

इनकी भी बन रही लिस्ट

सर्वे के आधार पर ऐसे संपत्तियों की भी लिस्ट तैयार कराई जा रही है, जो आवासीय होने के बावजूद व्यावसायिक रूप में प्रयोग हो रही हैं। ऐसी संपत्तियों से निगम की ओर से दो से तीन गुना अधिक टैक्स वसूल किया जाएगा।

वित्तीय वर्ष की डिमांड 400 करोड़

वित्तीय वर्ष की बात की जाए तो निगम प्रशासन की कुल डिमांड करीब 400 करोड़ है। पिछले साल 212 करोड़ की ही वसूली हो पाई थी।

डिमांड के अनुरूप वसूली

400 करोड़ वित्तीय वर्ष की डिमांड

212 करोड़ जमा हुए वर्ष 2019 में

234 करोड़ जमा हुए वर्ष 2018 में

बॉक्स

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वर्जन

जीआईएस सर्वे के दौरान जो भी नई संपत्तियां सामने आई हैं, उन्हें टैक्स संबंधी नोटिस दिया जा रहा है। प्रयास यही है कि जल्द से जल्द टैक्स जमा हो।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

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