- मेरठ में मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा उत्तर प्रदेश

- सभी मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में बनेंगे पीडियाट्रिक आइसीयू

LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड महामारी पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि मास्क पहनने के लिए लोगों को मजबूर करना होगा। लोग तभी मास्क लगाने के लिए बाध्य होंगे। लाकडाउन का सख्ती से पालन कराना होगा, जिससे इस महामारी की चेन तोड़ने में मदद मिल सके। कोरोना महामारी से निपटने के कार्यो की समीक्षा, निरीक्षण और चिकित्सा सुविधाओं को परखने के मकसद से रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तीन जिलों गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गाजियाबाद के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि दूसरी लहर से उपजे हालात को काबू में कर लिया गया है।

तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी

नोएडा में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियां भी कर ली हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार आक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने जा रही है। अकेले मेरठ मंडल में 35 आक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी लहर में बच्चों पर खतरे की आशंका ज्यादा है लिहाजा प्रत्येक जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में एक पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने लाकडाउन बढ़ाने का निर्णय को लेकर स्पष्ट किया कि लोगों की जान बचाना इस समय सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने एनटीपीसी में प्रेसवार्ता करने के साथ नोएडा के कई गांवों का दौरा भी किया।

मेरठ में बाले घट रही संक्रमितों की संख्या

मेरठ में प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद देश-विदेश के विज्ञानियों का दावा था कि 25 अप्रैल से 10-15 मई के बीच उत्तर प्रदेश में रोजाना एक लाख से अधिक नए केस आएंगे लेकिन प्रधानमंत्री के दिए ट्रिपल टी यानी ट्रेस, ट्रीट एंड टेस्ट मंत्र के तहत इस आशंका को निर्मूल किया गया। दूसरी लहर में प्रदेश में सर्वाधिक 38,055 केस 24 अप्रैल को दर्ज किए गए थे जबकि सूबे में सर्वाधिक एक्टिव केस 30 अप्रैल को 3.10 लाख था। अब 16 दिन बाद इस मंत्र के सहारे एक्टिव केस 1.6 लाख तक ले आए हैं। आज संक्रमितों की संख्या घटकर 10,600 रह गई है। इसी तरह पहली लहर में भी हमने सर्वाधिक एक्टिव केस को 67 हजार पर थाम लिया था। उन्होंने बताया कि आज एल-2 और ए-3 स्तर में 80 हजार बेड हमारे पास हैं। एक दिन में तीन लाख सैंपलों की जांच की जा सकती है। देश में सर्वाधिक 4.5 करोड़ सैंपल उप्र ने जांचे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रही है। कहा कि अब तक प्रदेश में 1.5 करोड़ लोगों को कोरोनारोधी टीका लग चुका है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पुलिसकíमयों के लिए बनाए गए आक्सीजन सुविधायुक्त 30 बेड वाले अस्पताल और इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर का निरीक्षण किया। कमिश्नरी में जनप्रतिनिधियों के साथ ही मंडल व जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने हापुड़ रोड स्थित बिजौली गांव का दौरा कर आक्सीजन फिलिंग प्लांट देखा। मुख्यमंत्री शाम सवा छह बजे गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए।

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ब्लैक फंगस के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के साथ ब्लैक फंगस ने भी पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए विशेषज्ञों को लेकर एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाया गया है जिसकी सलाह पर इलाज का विस्तृत प्रोटोकाल भी जारी कर दिया गया है। साथ ही सरकारी स्तर पर ब्लैक फंगस का निश्शुल्क इलाज हो, इसके निर्देश भी दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 102 सेवा की 2200 एंबुलेंस केवल बच्चों और महिलाओं के लिए ही आरक्षित कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश में हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई जरूर जीतेंगे। सरकार पर विश्वास बनाए रखें।

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वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाएंगे

योगी ने कहा कि 45 से अधिक उम्र वालों को निश्शुल्क टीका लगाए जाने के साथ ही 18-44 वर्ग के लोगों के लिए भी टीकाकरण को विस्तार दिया जा रहा है। सोमवार से सभी मंडल मुख्यालय समेत 23 जिलों में टीका लगाया जाएगा ताकि कोरोना से हमारी लड़ाई और प्रभावी हो।

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गांवों पर भी है विशेष नजर

प्रधानमंत्री मोदी की घर-घर जांच की नीति पर उप्र दो मई से ही चल रहा है। इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 97 हजार गांवों के लिए 60 हजार निगरानी समितियां काम कर रही हैं। शहरों में 12 हजार समितियों को लगाया गया है।

Posted By: Inextlive