- मनकामेश्वर मंदिर में हुआ विशेष अनुष्ठान

LUCKNOW: दो दिन की साप्ताहिक बंदी का असर शनिवार को नागपंचमी पर्व पर भी देखने को मिला। ऐसे में बच्चों ने घरों के अंदर ही गुडि़या पीट कर रस्म निभाई। वहीं लोगों ने घर पर ही कागज पर नाग देवता की आकृति बनाकर दूध, चना का भोग लगाकर पूजा की। कई शिव मंदिरों में रूद्राभिषेक भी हुआ। इस दौरान उन्होंने कोरोना संकट दूर करने की मांग की। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार हुसैनगंज में लगने वाला गुडि़या मेला भी नहीं लगा।

रूद्राभिषेक किया गया

मनकामेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा हुई। इसके साथ मंदिर में कालसर्प दोष के लिए वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान कराया गया। महंत देव्या गिरि ने बताया कि वर्ष में एक बार ही यह अनुष्ठान किया जाता है। इस दौरान मास्क व सेनेटाइजर के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया। राजेंद्रनगर स्थित महाकाल मंदिर में भात से महादेव का भव्य श्रंगार किया गया।

हुई विशेष पूजा

गोमतीनगर स्थित अयप्पा मंदिर में 150 रुद्राभिषेक और नाग पूजा हुई। यहां पर जिन्होंने बुकिंग कराई थी उनका संकल्प और नाम लेकर पूजा कराई गई। इसके साथ मंदिर में 64 फुट की विशेष रंगोली बनाई गई है। शाम को घी, चावल और आटा की खीर का भोग लगाया गया। वहीं चौक के कोतवालेश्वर मंदिर, बड़ा व छोटा शिवाला में भी श्रंगार किया गया। नागपंचमी पर होने वाले दंगल भी स्थिगित कर दिए गए।

नहीं हुआ दंगल

पुराने लखनऊ के गोमती प्रसाद अखाड़ा समिति की ओर से हर साल होने वाला दंगल इसबार नहीं हुआ। दंगल को लालजी टंडन उर्फ बाबू जी की स्मृति में स्थिगित कर दिया गया। उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सुंदरकांड का पाठ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने बाबू जी के साथ अपनी स्मृतियों को साझा किया। विशिष्ट अतिथि बाबा महंत धमर्ेंद्र दास व स्व। लालजी टंडन के ओएसडी, सहयोगी संजय चौधरी ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला।

Posted By: Inextlive