- श्रवणजीत कनौजिया पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को कर रहे जागरूक

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री भी इनके काम की कर चुके हैं सराहना

LUCKNOW: पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार और कई संगठन तो काम कर रही रहे हैं साथ ही प्रकृति को फिर से हरा-भरा बनाने के लिए कुछ प्रकृति प्रेमी भी पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने ठीक उस तरह निकले हैं, जिस तरह श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराई थी। हम बात कर रहे हैं, फैजाबाद निवासी श्रवणजीत कनौजिया की जो लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक तो कर ही रहे हैं साथ ही उन्हें दूसरों को भी जागरूक करने की प्रेरणा दे रहे हैं। ये अब तक राजधानी समेत कई शहरों में हजारों पौधे लगाने का काम कर चुके हैं, जिसमें रुद्राक्ष और चंदन के पौधे भी शामिल हैं।

बेटी के जन्म के साथ हुई शुरुआत

श्रवणजीत कनौजिया के घर वर्ष 2012 में संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ तो उन्होंने अपने घर में पौधा लगाया और तय किया कि वे लोगों को संतान होने पर पौधे लगाने के लिए प्रेरित करेंगे। यहीं से उनकी 'वृक्ष लगाए हर इंसान, पैदा हो जब संतान' थीम पर काम करना शुरू कर दिया। बस तभी से उन्हें जैसे ही किसी के घर में बच्चा होने की जानकारी मिलती तो वे वहां पौधा लगाने पहुंच जाते हैं। ये जिस घर में पौधा लगाते हैं, वहां के लोगों से यह वचन भी लेते हैं कि वे इस पौधे की देखभाल अपनी संतानों की तरह करेंगे। उनका मानना है कि वृक्ष हमारे जीवनदाता है, ऐसे में हमारा फर्ज है कि हम इनका ध्यान रखें। जिससे सभी को शुद्ध हवा के साथ बेहतर पर्यावरण मिल सके। श्रवणजीत कनौजिया के इस काम की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।

खुद उठाते हैं पौधे का खर्च

श्रवणजीत के लिए किसी भी बच्चे के जन्म की सूचना पर्यावरण की गोद को हरा-भरा करने का बेहतरीन अवसर है। अब तो उनकी इस मुहिम से तमाम लोग भी जुड़ चुके हैं। इस मुहिम के अंतर्गत अब तक उनके द्वारा पीपल, बरगद, पाकड़, नीम, चंदन, चितवन आदि प्रजातियों के अनेक पौधे लगाए जा चुके हैं। यही नहीं पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व के पौधे जैसे रुद्राक्ष, शमी, मौलश्री जैसे दुर्लभ पौधे भी से लोगों को उपलब्ध कराते हैं। यह सारा काम श्रवणजीत अपने स्तर से करते हैं, किसी से इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता है।

कमाई का एक हिस्सा नेक काम में

पेशे से टेलर श्रवणजीत इस नेक काम के लिए हर माह अपनी कमाई का एक हिस्सा निकालकर अलग रख देते हैं। उनका कहना है कि अब यह काम उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है, जिसे अब मैं किसी कीमत पर नहीं छोड़ूंगा। उनके इस नेक काम को देखते हुए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उनका सम्मान करने के साथ उन्हें नौकरी देने की बात कही थी। उन्होंने नौकरी के प्रस्ताव को इसलिए मना कर दिया कि अगर वे जॉब करने लगते तो उसका असर उनकी पर्यावरण संरक्षण की मुहिम पर पड़ सकता था। जिस अब वे छोड़ नहीं सकते हैं।

बारातियों को बांटे पौध

इंटर पास श्रवणजीत की बहन की जब शादी हुई तो उन्होंने वर-वधु के साथ 'पौधे लगाएं' मुहिम की शुरुआत की और शादी में आए सभी लोगों को गिफ्ट के रूप में एक-एक पौध दिया। उनकी इस मुहिम से प्रभावित होकर कई बड़े अधिकारी भी अब इस मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं।

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गवर्नर हाउस में भी लगाया पौधा

श्रवणजीत के अनुसार वे गवर्नर हाउस में दो बार पौधे लगा चुके हैं। इसके अलावा यहां के कई अधिकारियों, आम नागरिकों और कॉलेजों में पौधे लगा चुके हैं, जिसमें रुद्राक्ष और चंदन के पौधे भी शामिल हैं। उनकी इस मुहिम से लोहिया संस्थान के पूर्व डायरेक्टर डॉ। एके सिंह भी जुड़े थे। यहां के कई बड़े अधिकारी और राजनेता विशेष अवसरों पर उनसे पौधा लगाने के लिए कहते हैं। यही नहीं अब तो कई शादियों में भी उन्हें इस काम के लिए विशेष रूप से बुलाया जाता है। श्रवणजीत को जब भी मौका मिलता है, वे राजधानी आकर लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।

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बेटी के नाम पर खुला उपवन

पर्यावरण के प्रति उनकी ललक व जज्बे को देखकर कई लोग उनसे पूछने लगे कि वो भी पौधा लगाना चाहते हैं लेकिन उनके पास पौधा लगाने के लिए जमीन नहीं है। जिसके बाद गुप्तार घाट पर उनकी बेटी के नाम पर आकांक्षा उपवन का लोकार्पण किया गया। कोई भी व्यक्ति यहां आकर अपने नाम का पौधा लगा सकता है। लोगों को यहां लगाने के लिए भी पौधा फ्री दिया जाता है। अब तक सैकड़ों पौधे यहां रोपे जा चुके हैं, जिनकी अच्छी तरह देखभाल भी की जाती है। जौनपुर, अंबेडकर नगर, प्रयागराज, सुल्तानपुर आदि कई शहरों में लगातार लोग उनकी इस मुहिम का हिस्सा बनते जा रहे हैं।

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लखनऊ में भी खुलेगा उपवन

श्रवणजीत का प्रयास है कि राज्य के सभी शहरों और गांवों में एक आकांक्षा उपवन होना चाहिए, जहां कोई भी आकर पौधा लगा सके। जिससे धरती फिर से हरी-भरी हो जाए। उनकी इस पहल को देखते हुए प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा उनको राजधानी लखनऊ में भी एक आकांक्षा उपवन की नींव रखने का वादा किया गया है। जिसका लोकार्पण स्वतंत्रता दिवस के बाद किया जाएगा।

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अंधविश्वास के खिलाफ भी मुहिम

पर्यावरण संरक्षण के साथ श्रवणजीत अंधविश्वास के खिलाफ भी मुहिम चला चुके हैं। वे लोगों को जादू-टोना से दूर रहने के लिए जागरूक करने का काम कर चुके हैं। उनके इस अभियान को आकाशवाणी पर भी विस्तार के साथ प्रसारित किया गया था।

Posted By: Inextlive