भले ही अभी पार्टी सिंबल की तस्वीर साफ न हुई हो लेकिन इतना जरूर है कि वार्डों में अभी से ही प्रत्याशियों की ओर से साइन बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। ये बोर्ड वहां लगाए जा रहे हैैं जो वार्ड के खास प्वाइंट्स माने जाते हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। चुनावी अधिसूचना लगने के दिन करीब आते जा रहे हैैं। 15 जनवरी से पहले निकाय चुनाव हो सकते हैैं। ऐसे में वार्डों में सियासी घमासान तेज होता नजर आ रहा है। एक तरफ जहां दिग्गज पार्षद या तो खुद मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैैं या अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनावी मैदान में लाने वाले हैैं। वहीं नए चेहरे भी उन्हें कड़ी टक्कर देने को तैयार हैैं। कुल मिलाकर एक बात साफ है कि इस बार दिग्गजों को नए चेहरों से चुनौती जरूर मिलेगी।वोट बैैंक पर फोकस


वार्ड के दिग्गज कैंडीडेट हों या नए चेहरे, हर किसी की नजर वोट बैैंक मजबूत करने पर है। एक तरफ जहां दिग्गजों की ओर से अपने पुराने वोट बैैंक को खंगाला जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नए प्रत्याशियों की ओर से उनके वोट बैैंक में सेंध लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही उनकी ओर से नए वोटर्स को भी साथ लाने की रणनीति तैयार की गई है। नए परिसीमन के आधार पर जो नए इलाके वार्ड में जुड़े हैैं, उनके वोटर्स भी चुनावी परिणाम में खासा कमाल दिखा सकते हैैं। यह बात तो साफ है कि पार्टी सिंबल से लडऩे वाले प्रत्याशियों को कुछ एडवांटेज जरूर मिलेगा, लेकिन निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों को भी कम नहीं आंका जा सकता है। उनकी ओर से भी अप्रत्याशित परिणाम दिए जा सकते हैैं।वार्डों में लगने लगे साइन बोर्डभले ही अभी पार्टी सिंबल की तस्वीर साफ न हुई हो, लेकिन इतना जरूर है कि वार्डों में अभी से ही प्रत्याशियों की ओर से साइन बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। ये बोर्ड वहां लगाए जा रहे हैैं, जो वार्ड के खास प्वाइंट्स माने जाते हैैं। इसके साथ ही प्रत्याशियों की ओर से वोटर्स के बीच जाकर उनका विश्वास जीतने की कोशिश भी की जा रही है। कई प्रत्याशियों की ओर से तो प्रोविजन स्टोर, मेडिकल स्टोर्स के पास अपना अस्थाई कांटेक्ट प्वाइंट बना लिया गया है और उस प्वाइंट पर बैठकर उनकी ओर से वोटर्स का विश्वास जीतने की कोशिश भी की जा रही है।बदल सकती है कई सीटों की कहानी

जिस तरह वोटर्स इस बार वार्ड की समस्याओं को लेकर जागरूक नजर आ रहे हैैं, उससे साफ है कि इस बार कई वार्डों में प्रत्याशियों की कहानी बदल सकती है। प्रत्याशियों को यह बात समझनी होगी कि अगर वे वोटर्स की उम्मीद पर खरा नहीं उतरते हैैं या उनका विश्वास नहीं जीत पाते हैैं तो चुनावी परिणाम उनके विपक्षी के पक्ष में जा सकते हैैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों की ओर से वोटर्स का दिल जीतने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।10 दिन के अंदर अधिसूचना20 दिसंबर से पहले निकाय चुनाव की अधिसूचना लगने की उम्मीद है, जबकि जनवरी के पहले सप्ताह में चुनाव हो सकते हैैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों की ओर से प्रचार में ताकत झोंकने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रत्याशियों की ओर से प्रचार के लिए बकायदा रणनीति भी बनाई जा रही है। सभी जानते हैैं कि अब उनके पास प्रचार के लिए बहुत अधिक समय नहीं बचा है। ऐसे में उनकी ओर से हर गुजरते दिन के साथ प्रचार को तेज किया जा रहा है। प्रत्याशियों की कोशिश है कि अधिसूचना लगने से पहले वे अपना वोट बैैंक मजबूत कर लें, ताकि उन्हें बाद में कोई दिक्कत न हो।कई सीटों की स्थिति पूर्ववत रहेगी

जिन वार्डों के सीट आरक्षण में बदलाव नहीं हुआ है, वहां परिणामों में कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। पूरी संभावना है कि जो प्रत्याशी पहले से जीत रहे हैैं, उनकी इस बार भी जीत हो सकती है। हालांकि, उन्हें कड़ी टक्कर भी मिलने की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ, मेयर सीट को लेकर भी आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ती नजर आ रही है।

Posted By: Inextlive