सीएनजी पंपों पर नहीं लग रही भीड़ फिर भी खपत काफी कम
- पेट्रोल और डीजल के वाहनों की सेल लगातार घट रही है
- मई में मात्र 57 चार पहिया ही सीएनजी की हुई रजिस्टर्ड LUCKNOW: पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में सीएनजी वाहनों की स्पीड कम होती जा रही है। यह आलम तब है जब शहर में सीएनजी स्टेशनों पर लगने वाली लंबी लाइनें नदारद हो चुकी हैं। गोमतीनगर हो या इंदिरानगर कहीं भी सीएनजी के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। इसके बावजूद शहर में सीएनजी की खपत कम हो गई है। लॉकडाउन के बाद से सीएनजी की खपत पहले की तुलना में आधी रह गई है। वहीं पेट्रोल और डीजल के वाहनों की सेल शुरू हो गई है। घट गया है रजिस्ट्रेशनशहर में पहले से मौजूद सीएनजी वाहनों का संचालन हो रहा है। सीएनजी वाहनों के प्रति लोगों का रुझान लगातार घटता जा रहा है। जून के महीने में शहर में मात्र 57 वाहन ही सीएनजी में रजिस्टर्ड हुए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन के बाद से सीएनजी पंप पर लगने वाली लाइनें अब नजर नहीं आती हैं। प्राइवेट वाहनों की लाइनें भी खत्म हो चुकी है। सीएनजी आपूर्ति स्टेशनों पर स्कूली वैन, ऑटो और प्राइवेट वाहनों के लिए अलग-अलग स्टापेज बने थे। उन्हें वही से सीएनजी लेनी होती थी।
अब नहीं लग रही हैं लाइनें लॉकडाउन के बाद से स्कूली वाहनों का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है, ऐसे में वहां लगने वाली लाइनें नहीं हैं। ऐसा ही हाल ऑटो वाली लाइन का है। इसके अलावा सीएनजी से चलने वाली ओला उबर का संचालन भी पटरी पर नहीं आ सका है। ऐसे में प्राइवेट वाहन मालिकों को सीएनजी आसानी से मिल जाती है। अब उन्हें कतार में नहीं लगना होता है। कोट शहर के लोगों को सीएनजी से चलने वाहनों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन लॉकडाउन के बाद से लोग सीएनजी वाहन नहीं खरीद रहे हैं। राम फेर द्विवेदी आरटीओ कोट सीएनजी की खपत कम हुई है। रोड पर ओला उबर के साथ ही ऑटो का संचालन अभी तक पटरी पर नहीं आ सका है। जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य होंगी, वैसे-सीएनजी की खपत भी बढ़नी शुरू हो जाएगी। एसपी गुप्ता ग्रीन गैस लिमिटेड विपणन अधिकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन एक नजर में पेट्रोल सीएनजी 2020 जनवरी 2146 134 फरवरी 1849 88मार्च 1298 77
अप्रैल --- --- मई --- --- जून 1258 57 बॉक्स - शहर में कम हुई सीएनजी की खपत शहर में इस समय तकरीबन 70 हजार किलो ही सीएनजी की खपत हो रही है। लॉकडाउन से पहले सीएनजी की खपत रोजाना डेढ़ लाख किलो से ऊपर थी। बॉक्स इन वजह से सीएनजी की खपत कम सीएनजी से शहर में रोजाना 6 हजार से अधिक स्कूली वाहनों का संचालन होता था, लेकिन इस समय इनका संचालन पूरी तरह से ठप है। इसी तरह से 7 हजार से अधिक ओला-उबर का संचालन होता था, लेकिन अभी तक 50 प्रतिशत से अधिक वाहन नहीं चल रहे हैं। 4 हजार से अधिक ऑटो भी सीएनजी से चलते थे, लेकिन इस समय 30 प्रतिशत ऑटो का संचालन भी नहीं हो रहा है।