- नगर आयुक्त ने जोन सात कार्यालय का किया औचक निरीक्षण, लापता बता दिए गए एक हजार भवन

- लापरवाही बरतने पर दो कर अधीक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि

- हाउस टैक्स जमा कराने के बजाय नगर निगम को लगाई चपत

रुष्टयहृह्रङ्ख : जोन दो और आठ की तरह इंदिरानगर के जोन सात में भी हाउस टैक्स जमा करने के बजाय नगर निगम को ही चपत लगाने का मामला पकड़ में आया है। इस पर नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) अशोक सिंह को बर्खास्तगी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।

नगर आयुक्त पहुंचे जोन सात

नगर आयुक्त मंगलवार सुबह अचानक जोन सात कार्यालय पहुंचे और पत्रावलियों का परीक्षण किया। इसी में ये गड़बड़ी सामने आई। नगर आयुक्त ने बताया कि इस्माइलगंज (प्रथम वार्ड) में आवासीय और अनावासीय भवनों से हाउस टैक्स वसूले जाने की समीक्षा की गई। वार्ड में 4741 आवासीय और 95 भवन अनावासीय हैं। इनमें से 2668 आवासीय भवनों का ही हाउस टैक्स जमा किया जा रहा है, जबकि 95 अनावासीय भवनों में से 22 से ही टैक्स जमा हो रहा है। शेष लगभग दो हजार भवन ऐसे पाए गए, जिन पर 2010 से एरियर समेत हाउस टैक्स बकाया है।

आंकड़े में पाई गई कमी

राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) की तरफ से इनसे वसूली का कोई प्रयास नहीं किया गया और नोटिस भी जारी नहीं किया गया। दिखाए गए चार्ट में भी भवनों के आंकड़े में भिन्नता पाई गई और एक हजार भवनों को लापता बताया गया। राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) को अपने वार्ड से जुड़ी जानकारी भी नहीं थी। राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) ने बताया कि एक हजार भवनों का पता नहीं चल रहा है, जबकि वह लंबे समय से तैनात हैं। इस पर उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई

इसके अलावा इस्माइलगंज वार्ड (द्वितीय) के 8195 आवासीय भवनों में से 2910 और 390 अनावासीय भवनों में से 118 से ही टैक्स वसूला जा रहा था। इस मामले में भी लापरवाही के लिए राजस्व निरीक्षक श्रेणी वन राजा भैया को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही दोनों वार्डो के कर अधीक्षकों रामसागर कुशवाहा और रामसजीवन वर्मा को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

Posted By: Inextlive