अभी सिर्फ एलडीए की विभूतिखंड योजना में ही उक्त परमीशन थी लेकिन अब एलडीए की ओर से सभी योजनाओं में कॉमर्शियल प्लॉट्स का सशर्त मिक्स यूज करने संबंधी परमीशन दी गई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से कॉमर्शियल प्लॉट्स को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। एलडीए की ओर से दो हजार वर्गमीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के कॉमर्शियल प्लॉट्स पर मिक्स यूज की सशर्त अनुमति दी गई है, जिसमें आवासीय सेगमेंट भी शामिल है। इस फैसले का एक फायदा यह भी है कि एलडीए के कॉमर्शियल प्लॉट्स का निस्तारण हो सकेगा और प्राधिकरण को इससे रेवेन्यू संबंधी लाभ मिलेगा।अभी विभूतिखंड में है ये सुविधाअभी सिर्फ एलडीए की विभूतिखंड योजना में ही उक्त परमीशन थी, लेकिन अब एलडीए की ओर से सभी योजनाओं में कॉमर्शियल प्लॉट्स का सशर्त मिक्स यूज करने संबंधी परमीशन दी गई है। इसका फायदा उन लोगों को सीधे तौर पर मिलेगा, जो कॉमर्शियल और आवासीय प्रोजेक्ट्स एक साथ शुरू करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें बड़ा प्लॉट नहीं मिल पा रहा था।दो हजार वर्गमीटर या उससे बड़े प्लॉट


एलडीए की ओर से मिक्स योजना की सुविधा सिर्फ और सिर्फ उन्हीं कॉमर्शियल प्लॉट्स पर दी जाएगी, जिनका एरिया दो हजार वर्गमीटर या उससे बड़ा है। अगर इससे कम क्षेत्रफल का प्लॉट होगा तो उसमें मिक्स यूज संबंधी परमीशन नहीं दी जाएगी। वहीं, जिन बड़े प्लॉट्स में मिक्स यूज संबंधी परमीशन दी जाएगी, उनकी भी नियमित रूप से मॉनीटरिंग होगी, ताकि जिन शर्तों के अनुरूप परमीशन दी गई है, उसका किसी भी स्तर पर उल्लंघन न हो।ग्राउंड फ्लोर पर कॉमर्शियल यूजप्राधिकरण की ओर से जो शर्त लगाई जा रही है, उससे साफ है कि संबंधित व्यक्ति को भूतल पर कॉमर्शियल निर्माण अनिवार्य रूप से कराना होगा। इसके बाद बाकी के फ्लोर्स पर कॉमर्शियल, कार्यालय या आवासीय सेगमेंट की अनुमति दी जाएगी। अगर ग्राउंड फ्लोर पर ही शर्त का उल्लंघन किया जाना मिलता है तो किसी भी कीमत पर अन्य फ्लोर पर निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित के खिलाफ प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई की जाएगी।अवैध निर्माणों पर लगाम

प्राधिकरण की ओर से इस कदम को उठाने की एक वजह यह भी है कि इससे अवैध निर्माणों पर लगाम लगेगा। दरअसल, अक्सर देखने में आता है कि लोगों की ओर से नक्शा तो कॉमर्शियल या आवासीय पास कराया जाता है, लेकिन मौके पर भू उपयोग और नक्शे में बदलाव करते हुए अपने तरीके से निर्माण कराया जाता है। इसकी वजह से राजधानी में अवैध निर्माणों की संख्या में इजाफा होता है। अब इस निर्णय से कहीं न कहीं अवैध निर्माण कराने वाले नक्शे पास कराने में खेल नहीं करेंगे, क्योंकि अब प्राधिकरण खुद ही कॉमर्शियल में सशर्त आवासीय यूज की अनुमति दे रहा है।विभूतिखंड की तर्ज पर दो हजार वर्गमी। या उससे अधिक क्षेत्रफल के प्लॉट्स का सशर्त मिक्स यूज किया जा सकेगा। लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ही यह कदम उठाया गया है।-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए

Posted By: Inextlive