अभी निर्भया को इंसाफ मिलना बाकी !
- पांच साल बाद परिवहन विभाग अब बसों में कैमरा लगाने की कर रहा तैयारी
- शहर में कई गैंगरेप की घटनाओं में आज तक आरोपियों को नहीं मिल सकी सजा - नियम कानून बने, संसाधन भी लगाए गए फिर भी घटनाओं पर अंकुश नहींLUCKNOW: पूरे देश को हिला कर र2ा देने वाले दिल्ली के निर्5ाया कांड के देश में महिला सुरक्षा काफी बड़ी बातें और दावे किए गये। रेप के कानून में कई बड़े बदवाल 5ाी किया गया, लेकिन आज 5ाी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। राजधानी के चर्चित आशियाना गैंग केप कांड में पीडि़ता को न्याय मिलने में 12 साल का समय लग गया। यहीं नहीं ऐसे सैकड़ों मामले है जिसमें गैंग रेप पीडि़ता को न्याय मिलने में आज भी बिलंब हो रहा है। निर्भया कांड के बाद भी आज भी सिस्टम सुधरा नहीं है बल्कि महिलाओं के प्रति और ज्यादा हिंसा बढ़ती जा रही है। यह हम नहीं आंकड़े खुद बया कर रहे है। 2012 में महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं में बीते पांच सालों में कई गुना बढ़ी है।
पांच साल बाद बसों में लग रहे कैमरेदिल्ली में 16 दिसंबर 2012 में निर्भया कांड के बाद पूरे देश में बसों में कैमरे लगाए को लेकर हल्ला हुआ था। हालांकि पिछले पांच सालों में केवल कागजों पर चलने वाला यह आदेश अब जमीनी हकीकत में नजर आने जा रहा है। परिवहन विभाग निर्भया कांड की बरसी पर मंगलवार प्रदेश के 12,500 बसों में कैमरे लगाने जा रहा है। प्रत्येक बस में तीन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएगे। हालांकि लखनऊ में चलने वाली 140 सिटी बसें अभी भी सीसीटीवी कैमरे से अधूरी है।
ल2ानऊ छेड़छाड़ के मामलों में अव्वल वूमेन पॉवर लाइन के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो प्रदेश में राजधानी में सबसे ज्यादा छेड़छाड़ की घटनाएं होती है। प4िलक प्लेस, टेलीफोन और सोशल मीडिया साइट पर महिलाओं से अश्लील कमेंट और छेड़छाड़ की घटना साल दर साल बढ़ रही है। इसके अलावा साइबर सेल में भी हर 5 से 7 शिकायत महिलाओं संबंधी आ रही है। इसमें सबसे ज्यादा सं2या स्टूडेंट्स की। यूपी में रेप के आंकड़े वर्ष घटनाएं 2015 - 3025 2016 - 4816 2017 - 3873 छेड़2ानी की शिकायत कुल शिकायत - 8,44,348 निस्तारण किए गए - 8,34,131कार्रवाई चल रही - 9,838
आंकड़े : वूमेन पॉवर लाइन (15 नवंबर 2012 से 31 अ1टूबर 17 तक) कहां कितने मामले लखनऊ - 15,8347 शिकायत कानपुर - 41025 शिकायत इलाहाबाद - 32860 शिकायत बनारस - 32217 शिकायत गोरखपुर - 22065 शिकायत आगरा - 20728 शिकायत जौनपुर - 19624 शिकायत यहां सबसे कम शिकायत श्रावती - 1257 ललितपुर - 2148 कासगंज - 2385 चित्रकूट - 2386 कौशा6बी - 2556 महोबा - 2750 हापुड़ - 2866 लगातार बढ़ रही शिकायतें वर्ष शिकायत हर दिन शिकायत रजिस्टर्ड शिकायत के फोन आए2012 12,195 271 3,456
2013 1,42,113 390 3715 2014 1,56,289 429 8352 2015 1,56,324 429 9592 2016 1,94,208 532 97822017 1,83,229 620 9821