- 70 हजार से ज्यादा लोग रोज गुजरते हैं

- 500 से ज्यादा अस्थाई दुकानों का कब्जा

- 60 फीट चौड़ी रोड है लेन

- 8 फीट ही रोड बचती है चलने को

- 60 फीट रोड पर अवैध अतिक्रमण, टैंपो, ई-रिक्शा और ऑटो का कब्जा

- यहां कार नहीं कामर्शियल व्हीकल बिगाड़ रहे ट्रैफिक व्यवस्था

- फुटपाथ से लेकर एक लेन तक दुकानदार का कब्जा, दूसरे लेन पर टैंपो, ऑटो का कब्जा

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रुष्टयहृह्रङ्ख : चारबाग शहर का सबसे व्यस्तम इलाका है। यहां से हर दिन लाखों की संख्या में लोग बाहर से आते हैं और शहर से बाहर जाते हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टॉपके अलावा शहर का एंट्री और एक्जिट प्वाइंट भी चारबाग को माना जाता है। इसके बाद भी यहां न तो स्मूथ ट्रैफिक की व्यवस्था है और न ही प्रॉपर पार्किंग की व्यवस्था है। इतना जरूरी है कि यहां पर रेलवे स्टेशन की अपनी पार्किंग है, वह भी सिर्फ पैसेंजर्स के लिये। स्टेशन लेकर आस-पास की रोड अतिक्रमण, अवैध टैंपो, ऑटो और ई रिक्शा से हमेशा पटी रहती है। चलने को महज 8 फीट की रोड ही मिलती है जबकि दो लेन में 60 फीट की रोड है।

फुटपाथ और रोड पर अतिक्रमण चारबाग में दोनों तरफ 60 फीट की चौड़ी रोड है। रोड के दोनों तरफ फुटपाथ भी दिया गया है। 60 फीट रोड पर गाडि़यों के चलने के लिए महज 8 फीट रोड बचती है। फुटपाथ पर दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। फुटपाथ के बाद दो लेन में टैंपो, ऑटो और ई रिक्शा कब्जा किए हुए हैं। आधी से ज्यादा रोड स्टैंड में तब्दील हो गई जबकि पब्लिक को चलने के लिए महज 8 फीट की रोड मिलती है।

रोड पर चल रही दुकानें

फुटपाथ पर अतिक्रमण करने वाले दुकानदार रोड तक दुकान चला रहे हैं। चारबाग में आने वाले लोगों के लिए पार्किग की केवल स्टेशन के अंदर व्यवस्था है। हालांकि स्टेशन के अंदर पार्किग तक पहुंचने के लिए उन्हें मशक्कत करनी पड़ती है। स्टेशन की पार्किग में हजारों गाड़ी पहले से पार्क है जिसके चलते आम लोगों को पार्किग की कोई अलग से व्यवस्था नहीं है। रोड पर टेंपो व ऑटो के कब्जे के चलते लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल होता है।

नाका में पार्किग की नहीं है व्यवस्था

चारबाग से चंद कदमों की दूसरी पर नाका मार्केट प्रदेश के इलेक्ट्रानिक्स बाजार की बड़ी मार्केट है, जहां शहर के साथ-साथ कई शहरों के लोग खरीदारी को आते हैं। हालांकि मार्केट में न तो पार्किग की व्यवस्था है और न ही लोगों के वाहनों को पार्क करने के लिए कोई जगह दी गई है। दुकानदार से लेकर खरीदार तक रोड पर गाड़ी पार्क करते हैं। रोड पर ऑटो, ई रिक्शा और टैंपो ड्राइवर की अराजकता बयां नहीं की जा सकती है।

जाएं तो जाएं कहां

नाका ओवर ब्रिज के नीचे लोगों के वाहन को पार्क करने की अच्छी व्यवस्था है। अगर ओवर ब्रिज के बिम की लेन पार्किग के रूप में तब्दील किया जाए तो शायद यहां अच्छी पार्किग मिल सकती है। इससे नाका बाजार में आने वाले लोगों को बहुत हद तक राहत मिल सकती है। इसके अलावा सरकारी और कामर्शियल कॉम्प्लेक्स में फ्री पार्किग की व्यवस्था की जाए तो चारबाग में आने वाले लोगों को अपनी गाड़ी पार्क करने की जगह मिल सकती है। वहीं फुटपाथ पर फैले अतिक्रमण को खाली कराया जाए तो चारबाग में आने वाले लोगों को स्टेशन की पार्किग में अपनी गाड़ी पार्क कर सकते हैं, जिससे जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी।

बातचीत

चारबाग रोड और नाका में हर दिन हजारों लोग आते हैं। दोपहर और शाम के समय रोड पर जाम बहुत ज्यादा होता है। पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। रूट पर गाडि़यों का निकलना मुश्किल होता है। एक समय में एक ही गाड़ी निकल सकती है। लोगों ने चारबाग के जाम से बचने के लिए यह रूट ही छोड़ दिया है और केकेसी से अंदर कैंट के रास्ते होकर अवध चौराहे जाते हैं। दूरी भले ही बढ़ जाती है, लेकिन जाम से मुक्ती मिल जाती है।

- राहुल जायसवाल

अभियान चलाकर चालान और जुर्माना करना कोई विकल्प नहीं है। सबसे पहले जिम्मेदार डिपार्टमेंट को लोगों को पार्किंग की सुविधा देनी चाहिए। टैंपो, ई रिक्शा और ऑटो के लिए अगर प्रॉपर स्टैंड बनाया जाए और उसे नियमानुसार फॉलो कराया जाए तो चारबाग को जाम से भी मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए सभी की इच्छा शक्ति मजबूत होनी चाहिए।

-सुशील कुमार तिवारी, पार्षद

लखनऊ में पार्किग की बहुत प्रॉब्लम है। शहर की कई ऐसी मार्केट हैं, जहां पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है। व्यापार मंडल की जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस के साथ होने वाली मीटिंग में यह मुद्दा हर बार उठाया जाता है। व्यापारी हर तरह से सहयोग करने को तैयार हैं। डिपार्टमेंट के पास कोई ब्लू प्रिंट है तो उसके आधार पर व्यापारी काम भी कर सकते हैं। ग्राहकों को सुविधा मिलेगी तभी व्यापार भी बढ़ेगा।

- देवेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष, लखनऊ व्यापार मंडल

नाका में रोड पहले से कम चौड़ी है, इसके बाद वहां पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि ओवर ब्रिज के नीचे अगर पार्किग मिल जाती है तो बहुत हद तक नाका में जाम की समस्या खत्म हो सकती है। नाका मार्केट में शहर के साथ-साथ बाहरी जनपदों से भी व्यापारी आते हैं। ऐसे में उनकी सुविधा के लिए पार्किग की व्यवस्था की जाए तो शायद व्यापार को भी फायदा मिलेगा।

-मयंक भाटिया, व्यापारी नाका

कोट-

ट्रैफिक जाम की शिकायत पर हर दिन ड्राइव चलाया जा रहा है। नो पार्किग में या गलत तरीके से पार्किग को लेकर हर दिन चालान की कार्रवाई की जा रही है। रोड पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ जिम्मेदार डिपार्टमेंट को लेटर भी लिखा गया है। अगर रोड से अतिक्रमण साफ हो जाए तो ट्रैफिक के लिए काफी चौड़ी रोड मिल सकती है और ट्रैफिक स्मूथ रन कर सकता है। जाम की प्रॉब्लम भी सॉल्व हो जाएगी।

डॉ। ख्याति गर्ग, डीसीपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive