- स्कूलों की ओर से सभी पेरेंट्स को भेजा जाएगा लिखित मंजूरी के लिए ड्राफ्ट

- एक क्लास में 15 या 20 से ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं बैठेंगे, दो शिफ्ट में खुल सकते हैं स्कूल

LUCKNOW: सरकार की ओर से स्टूडेंट्स को स्कूल जाने की मंजूरी मिल गई है। क्लास 9 से 12 तक के वे स्टूडेंट्स जो टीचर से कुछ पूछना चाहते हैं, वे पेरेंट्स की मंजूरी के साथ 21 सितंबर से स्कूल जा सकते हैं। स्कूलों को 21 सितंबर से 50 फीसद टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को बुलाने की भी मंजूरी मिल गई है। इसे देखते हुए शहर के सभी स्कूलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्कूल प्रबंधन अपने स्तर से स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए पूरे इंतजाम करने का दावा कर रहे हैं।

सबसे पहले पेरेंट्स की मंजूरी

स्टूडेंट्स को स्कूल भेजने से पहले सभी स्कूलों की ओर से 9वीं से 12वीं तक के सभी स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को एक ड्राफ्ट भेजा जाएगा। जिसमें उनसे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमती ली जाएगी। बिना पेरेंट्स की मंजूरी के स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आ सकेंगे। इस ड्राफ्ट में पेरेंट्स से यह भी पूछा जाएगा कि बच्चा स्कूल कैसे आएगा, उसकी हाल में तबीयत तो खराब नहीं हुई थी, घर में कोई बीमार तो नहीं है।

तीन घंटे का होगा स्कूल

अनडेट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनिल अग्रवाल ने बताया कि अधिकतम 50 फीसद बच्चों को एक साथ स्कूल में आने की परमिशन मिलेगी। स्कूल भी सिर्फ तीन घंटे चलाने की तैयारी है। अगर कोई स्कूल चाहे तो तीन-तीन घंटे की दो शिफ्ट में स्टूडेंट्स को बुला सकता है। स्कूल में बच्चों को मास्क और ग्लब्स पहनना अनिवार्य होगा। बच्चे पब्लिक ट्रांसपोर्ट से स्कूल न आएंगे और न स्कूल से इससे घर जाएंगे। स्टूडेंट्स का फीवर नापने के बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। स्कूल की सभी शाखाओं में कोरोना हेल्पडेस्क बनाई जाएगी और सेनेटाइजेशन टनल भी लगाई जा रही है।

एक क्लास में 15 से 20 बच्चे

राजधानी के प्राइवेट स्कूलों ने स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिसके अनुसार अब एक क्लास में 15 से 20 बच्चे ही होंगे। इसके लिए स्कूलों को कोई दिक्कत भी नहीं होगी क्योंकि प्राइमरी क्लास अभी शुरू नहीं हो रही हैं।

कॉपी-पेन की शेयरिंग बंद

21 सितंबर से खुल रहे स्कूलों में स्टूडेंट्स के लिए कुछ गाइडलाइन बनाई जा रही हैं। जिसके अनुसार अब स्टूडेंट कॉपी, पेन, पेंसिल, खाना आदि एक-दूसरे से शेयर नहीं कर सकेंगे। जो इसका ध्यान नहीं रखेगा, उसके पेरेंट्स को सूचित किया जाएगा।

पेरेंट्स कोरोना योद्धा तो नहीं

अगर किसी स्टूडेंट के पेरेंट्स चिकित्सा, सुरक्षा, सफाई के काम से जुड़े हैं, उसे इसकी जानकारी स्कूल को पहले से देनी होगी। वही पेरेंट्स टीचर से मिल सकेंगे जो फोन पर संपर्क नहीं कर सकते हैं। वहीं पेरेंट्स और टीचर्स की मीटिंग अब नहीं होगी।

मास्क पहनना होगा अनिवार्य

स्टूडेंट्स को स्कूल में बिना मास्क लगाए प्रवेश नहीं दिया जाएगा और उन्हें स्कूल में पूरे समय मास्क लगाए रहना होगा। टीचर्स के लिए भी यही नियम जरूरी है। हर क्लास के बाहर सेनेटाइजर रखा जाएगा और स्टूडेंट क्लास में आने और जाने के समय हाथ सेनेटाइज करेंगे। क्लास में स्टूडेंट्स की सीट तय कर दी जाएंगी।

बाक्स

स्कूलों को यह करनी होगी तैयारी

- स्टूडेंट्स को अलग-अलग ग्रुप में बांटा जाएगा ताकि सभी एक साथ क्लास में न रहें।

- क्लास में स्टूडेंट्स के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखनी होगी।

- एक साथ सभी स्टूडेंट्स का नहीं होगा लंच बे्रेक, एग्जाम नहीं होगा कैंसिल

- स्टूडेंट्स को हाथ धोने, डेढ़ मीटर की दूरी बनान और खांसने-छींकने के सही तरीके की दी जाएगी जानकारी।

- टॉयलेट और भीड़ वाली जगहों में सफाई का रखना होगा खास ध्यान।

ऑड-ईवेन के बेस पर स्टूडेंट्स को स्कूल बलाने पर विचार चल रहा है। जो स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आएंगे, उनके लिए ऑनलाइन क्लास चलाई जाएगी। स्कूल के साथ ही स्टूडेंट्स के बैग और बस को भी सेनेटाइज किया जाएगा। सभी नियमों का पालन करते हुए पढ़ाई कराई जाएगी।

जतिंदर वालिया, फाउंडर डायरेक्टर, अवध कॉलिजिएट

- टीचर और स्टूडेंट को अगर कोई हेल्थ को लेकर दिक्कत है तो उन्हें स्कूल नहीं बुलाया जाएगा।

- स्टूडेंट्स को पैदल या फिर साइकिल से स्कूल आने को कहा जाएगा या फिर पेरेंट्स उन्हें स्कूल छोड़ने या लेने आएं।

- एजुकेशन के डिजिटल मोड को रोजमर्रा का हिस्सा स्कूलों को बनाना होगा।

कोट

स्टूडेंट्स के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा और एक बेंच पर सिर्फ एक स्टूडेंट को बैठाया जाएगा। उनके बीच दो-तीन मीटर की दूरी रखी जाएगी। लैब और लाइब्रेरी में एक साथ 10 से 12 स्टूडेंट्स नहीं जा सकेंगे। खेल के मैदान में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बैडमिंटन, योग जैसी एक्टिविटीज ही कराई जाएंगी। स्कूल, स्कूल बस को रोज सेनेटाइज कराया जाएगा।

अनिल अग्रवाल, प्रेसिडेंट अनएडेड स्कूल एसोसिएशन

स्टूडेंट्स को पांच से छह फीट की दूरी पर बैठाने की व्यवस्था करेंगे। जिस क्लास में पहले 30 स्टूडेंट्स बैठते थे, वहां अब सिर्फ 15 बैठाए जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए उन्हें ऑड-ईवेन रोल नंबर के बेस पर एक दिन के अंतराल पर बुलाया जाएगा। अभी हमारा पूरा फोकस चल रही ऑनलाइन क्लास पर है, अब क्लास में पढ़ाई शुरू कराने पर भी जोर रहेगा।

रिचा खन्ना, प्रिंसिपल वरदान इंटरनेशनल स्कूल

Posted By: Inextlive