आय की उम्मीदों के बीच गुजरा साल, फिलहाल विकास का इंतजार
- निगम की आय बढ़ने पर ही विकास की उम्मीद की जा सकती है
-आय बढ़ाने को लेकर योजनाएं तो बनीं, क्रियांवित एक भी नहीं abhishekmishra@inext.co.in LUCKNOW नगर निगम की ने अपनी आय बढ़ाने और जनता सुविधा की कई योजनाओं का खाका खींचा लेकिन साल खत्म होने को है और एक भी योजना धरातल पर क्रियांवित नहीं हो सकी है। अहम बात यह है कि जब तक निगम की आय में इजाफा नहीं होगा, तब तक वार्ड विकास की कल्पना करना भी बेमानी होगी। दो दिन पहले सदन में विपक्ष ने भी पूछा था कि आखिर निगम की आय में इजाफा क्यों नहीं हो सका है। जिसका जिम्मेदारों ने सटीक जवाब नहीं दिया। सिर्फ हाउस टैक्स से उम्मीदनिगम सिर्फ हाउस टैक्स वसूली से आय बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इस वसूली से विकासकार्य कराना संभव नहीं है। वजह यह है कि निगम पर पहले से ही 350 करोड़ के आसपास देनदारी है। एसटीपी को लेकर कटौती की जा रही है, जो वसूली हो रही है, उससे सिर्फ अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन ही दिया जा रहा है।
बाक्स ये योजनाएं धरातल पर नहीं दिखींयोजना प्रस्तावित धनराशि (लाख में)
आंचल आश्रय गृह निर्माण 100.00 सिटी म्यूजियम 70.00 शिशु संरक्षण गृह 60.00 नए कल्याण मंडपों का निर्माण 150.00 मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट का निर्माण 100.00आधुनिक औषधालय का निर्माण 50.00
नए विद्युत शवदाह गृह का निर्माण 50.00 इस्माइलगंज डिग्री कॉलेज में मल्टीमीडिया सेंटर 60.00 टैंपो शेल्टर होम 20.00 सड़क निर्माण को स्थल पर नमूना जांच लैब 50.00 अमीनाबाद इंटर कॉलेज में स्मार्ट क्लासेस 50.00 पार्को में ओपेन एयर जिम का निर्माण 35.00 मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स का निर्माण 30.00अस्थाई रैन बसेरों का निर्माण 50.00
वित्तीय स्थिति की मार इन सभी योजनाओं को बदहाल वित्तीय स्थिति के कारण क्रियांवित नहीं किया जा सका। पूरा साल देनदारी निपटाने में निकल गया। अगर ये योजनाएं क्रियांवित हो जाती हैं, तो इनमें से कई से निगम की आय बढ़ना तय था। हालांकि अब निगम प्रशासन आश्वासन दे रहा है कि इस दिशा में प्रयास शुरू किए जाएंगे। बाक्स लागत निकाल लेगा आवास विकाससदन में एक प्रस्ताव पीएम आवास को लेकर भी लाया गया था। जिसमें निगम को पीएम आवास निर्माण के लिए जमीन आवास विकास को देनी है। यह प्रस्ताव पास तो हो गया लेकिन पार्षदों ने सवाल उठाया कि इसमें निगम को क्या फायदा होगा। आवास विकास तो मकान की लागत निकाल लेगा लेकिन निगम के कोष में एक रुपया भी जमा नहीं होगा। निगम को अपनी आय बढ़ाने के स्रोत पर ध्यान देना चाहिए। पार्षदों ने यह भी मांग रखी कि एसटीपी को लेकर हो रही करोड़ों की कटौती को भी बंद किया जाना चाहिए, जिससे निगम के कोष में वृद्धि हो। निगम उपाध्यक्ष अरुण तिवारी ने बताया था कि अभी तक करीब 254 करोड़ रुपये की कटौती की गई है, अगर यह कटौती न हो तो इससे निगम की देनदारी करीब 350 करोड़ रुपये काफी हद तक अदा की जा सकती है।
वर्जन निगम की आय बढ़ाने को लेकर कई बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है। जनता की सुविधा से जुड़ी जो भी योजनाएं बनाई गई थीं, उन्हें हर हालत में क्रियांवित किया जाएगा। संयुक्ता भाटिया, मेयर