20 वेंटीलेटर हैं बलरामपुर अस्पताल में

20 के करीब गंभीर मरीज रोज आते हैं

15 हजार रुपए प्राइवेट में एक दिन का खर्च

7 लोगों की कमी से हो रही परेशानी

- बलरामपुर अस्पताल में स्पेशलिस्ट की कमी के कारण वेंटीलेटर यूनिट चलाने में आ रहीं दिक्कतें

- गंभीर मरीजों को भी कई बार भेजना पड़ता है दूसरे अस्पताल, कुछ वेंटीलेटर ही कर रहे काम

LUCKNOW: बलरामपुर अस्पताल में वेंटीलेटर को लेकर गंभीर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वैसे तो अस्पताल में 20 के करीब वेंटीलेटर मौजूद हैं लेकिन स्पेशलिस्ट की कमी के कारण गिनती के ही वेंटीलेटर काम कर रहे हैं। यही कारण है कि आए दिन यहां से गंभीर मरीजों को वेंटीलेटर की कमी के चलते दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है। मरीज की चली गई जान

शनिवार को बलरामपुर अस्पताल में वेंटीलेटर न मिलने से एक मरीज की मौत हो गई। लखीमपुर खीरी निवासी 60 वर्षीय विष्णु कुमार को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रिफर किया गया था। वहां वेंटीलेटर खाली नहीं होने के कारण उन्हें ट्रॉमा सेंटर से बलरामपुर अस्पताल भेज दिया गया। परेशान तीमारदार उन्हें लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी लेकर आए। यहां वेंटीलेटर खाली न होने के कारण उन्हें वापस कर दिया गया।

नहीं पहुंच पाए लोहिया संस्थान

तीमारदार विष्णु कुमार को बलरामपुर अस्पताल से लोहिया संस्थान ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। मृतक विष्णु कुमार के बेटे रामकुमार ने बताया कि वे राजधानी के अस्पतालों में तीन घंटे तक वेंटीलेटर के लिए भटकते रहे लेकिन कहीं वेंटीलेटर नहीं मिला, जिसके कारण पिता जी की मौत हो गई।

स्टाफ की कमी बन रही समस्या

बलरामपुर अस्पताल की आईसीयू यूनिट में 20 वेंटीलेटर हैं। इनमें से कई इसी साल जनवरी माह में मिले हैं। इन वेंटीलेटर को चलाने के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की जा चुकी है। यहां रोज 20 के करीब गंभीर मरीज आते हैं, जिन्हें वेंटीलेटर खाली न होने पर दूसरे अस्पताल भेजा जाता है। वहीं इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्पेशलिस्ट की कमी के कारण यह समस्या आ रही है। यहां वेंटीलेटर सुविधा फ्री है, जबकि प्राइवेट में इसका एक दिन का खर्च 15 से 20 हजार रुपए आता है। मजबूरी में मरीजों को प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ता है।

बाक्स

इनकी है कमी

- 4 एनेस्थेटिक

- 3 फीजीशियन

हाईलाइटर

डॉक्टर तो तैनात हैं

- वेंटीलेटर चलाने के लिए डॉक्टरों की हो चुकी है तैनाती

- पैरामेडिकल स्टाफ भी किया जा चुका है तैनात

- अस्पताल में मरीजों को फ्री मिलती है वेंटीलेटर सुविधा

- जनवरी माह में मिले हैं कई वेंटीलेटर

कोट

यूनिट चलाने के लिए जितनी जरूरत है, उतना स्टाफ नहीं है। वेंटीलेटर में हम उन मरीजों को प्राथमिकता देते हैं जो यहां भर्ती होते हैं। वेंटीलेटर संचालन के लिए सीएमओ ऑफिस में स्पेशलिस्ट के इंटरव्यू हो चुकी हैं लेकिन हमें मिले नहीं हैं।

डॉ। राजीव लोचन, निदेशक बलरामपुर अस्पताल

Posted By: Inextlive