संजय गांधी पीजीआई में जल्द ही एयर एंबुलेंस की सेवा शुरू हो जाएगी। इससे गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करना आसान हो जाएगा। खासतौर से लंग ट्रांसप्लांट ब्रेन डेड और आर्गन ट्रांसप्लांट कराने वालों को मदद मिलेगी। इसका फायदा सरकारी व निजी अस्पताल दोनों उठा सकते हैं। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक हैलीपैड बनाने के लिए शासन से अनुमति मिल चुकी है। अगले तीन-चार माह में सुविधा शुुरू हो जायेगी।

लखनऊ (ब्यूरो)। संस्थान में एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव बनाकर अस्पताल प्रशासन द्वारा शासन को भेजा गया था। प्रोजेक्ट के लिए शासन स्तर से मंजूरी मिल चुकी है। निदेशक प्रो। आके धीमन के मुताबिक संस्थान परिसर में ही हैलीपैड बनाया जायेगा। जल्द ही काम शुरू कर दिया जायेगा। उम्मीद है कि अगले वर्ष मार्च तक एयर एंबुलेंस की सुविधा शुरू हो जायेगी।

प्राइवेट एयर एंबुलेंस की मिलेगी सुविधा
निदेशक प्रो धीमन के मुताबिक हैलीपैड बनाने का पूरा खर्च संस्थान द्वारा ही वहन किया जायेगा। संस्थान केवल हैलीपैड बनाएगा। एयर एंबुलेंस की सुविधा निजी कंपनी द्वारा ही मिलेगी। ऐसे में गंभीर मरीजों को एयरलिफ्ट करने में आसानी होगी और मरीजों को जल्द से जल्द इलाज की सुविधा भी मिलेगी।


नई इमरजेंसी के पास बनेगा हैलीपेड
एसजीपीजीआई ने जो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शासन को भेजी है, उसके मुताबिक संस्थान में निर्माणाधीन करीब 558 बेड वाले इमरजेंसी मेडिसिन और एडवांस किडनी सेंटर के पास ही हैलीपैड तैयार किया जाएगा। निदेशक के मुताबिक हैलीपैड जहां बन रहा है उसके आसपास न तो कोई ऊंची बिल्डिंग है और न ही कोई हाईटेंशन लाइन जा रही है। ऐसे में यह जगह हैलीपैड बनाने के लिए पूरी तरह से सही है। एयर एंबुलेंस का संचालन शुुरू होने से आसपास के जिलों से लेकर राज्यों से आने वाले गंभीर मरीजों को भी फायदा मिलेगा।

केजीएमयू में भी बनना था हैलीपैड
एयर एंबुलेंस की सुविधा शुरू करने के लिए केजीएमयू प्रशासन द्वारा भी तैयारियां की गई थी। हैलीपैड बनाने के लिए शताब्दी फेज-2 और गौतम बुद्धा पार्क के पास की जगह को चुना गया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में किसी मरीज को एयरलिफ्ट करने के लिए पहले ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाता है। इसके बाद मरीज को एयरपोर्ट तक ले जाया जाता है। जहां से एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एयर एंबुलेंस से मरीज को एयरलिफ्ट किया जाता है। हाल ही में लोहिया की रेजिडेंट डॉ। शारदा को एयरलिफ्ट करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अगर राजधानी के बड़े अस्पतालों में एयर एंबुलेंस की सुविधा मिल जाये तो गंभीर मरीजों को वाकई में बड़ी राहत मिलेगी।
संस्थान अपने खर्च पर हैलीपैड बनाएगा। इसके लिए शासन से अनुमति मिल गई है। सुविधा तीन-चार माह में शुरू हो जायेगी। इससे गंभीर मरीजों को एयरलिफ्ट करने में आसानी होगी।

प्रो आरके धीमन, एसजीपीजीआई

Posted By: Inextlive