- सोमवती अमावस्या के चलते घर में की भगवान विष्णु की आराधना

LUCKNOW:

सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का विशेष महत्व है। वैसे तो हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या आती है और अगर यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ जाए तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। कोरोना के चलते सोलह श्रंगार किए महिलाओं ने घरों में भगवान विष्णु की पूजा कर अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा। कई मंदिरों में महिलाओं ने पीपल की परिक्रमा कर पूजन किया।

अखंड सौभाग्य का वृत

आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि यह व्रत महिलाओं के अखंड सौभाग्य का होता है। सदियों पुरानी सनातन परंपरा के निर्वहन के लिए महिलाओं ने व्रत रखा। सूर्योदय से लेकर सुबह सात बजे तक पूजन किया और भगवान विष्णु से अखंड सौभाग्य व समृद्धि की कामना की। कई महिलाओं ने पीपल के वृक्ष की 11, 21 व 108 बार परिक्रमा करके पूजन किया।

नहीं मिला गर्भगृह में प्रवेश

बुद्धेश्वर महादेव मंदिर और मेहंदीगंज के मां शीतला देवी मंदिर में महिलाओं ने परिक्रमा कर पूजन किया। शीतला देवी मंदिर की सोनी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया गया। इस बार संक्रमण के कारण मंदिरों में आने वालों की संख्या भी कम रही।

Posted By: Inextlive