एलयू ने पिछले साल मार्च में 2020-21 की पीएचडी प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी एवं सम्बद्ध कालेजों को मिलाकर करीब 442 रेगुलर सीटों पर दाखिले के लिए 4325 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।


लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीएचडी दाखिले की प्रक्रिया पटरी पर नहीं आ पाई है। इसकी वजह नए पीएचडी अध्यादेश को राजभवन से अब तक मंजूरी न मिलना है। यूनिवर्सिटी ने डिग्री कालेजों के शिक्षकों को भी पीएचडी कराने की मंजूरी के प्रस्ताव को शामिल करते हुए अध्यादेश राजभवन भेजा था, लेकिन वहां से हरी झंडी नहीं मिल पाई है। इसी के चलते दाखिले की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही। इस लेटलतीफी की वजह से ही पीएचडी का सत्र एक साल पीछे हो गया है।मंजूरी के लिए राजभवन भेजा


एलयू ने पिछले साल मार्च में 2020-21 की पीएचडी प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी एवं सम्बद्ध कालेजों को मिलाकर करीब 442 रेगुलर सीटों पर दाखिले के लिए 4,325 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। यह प्रक्रिया पूरी हो गई। इस बीच यूनिवर्सिटी ने डिग्री कालेजों के शिक्षकों को भी पीएचडी कराने का अवसर देने के लिए विभिन्न स्तर से मंजूरी दे दी थी। अध्यादेश में इसे शामिल करते हुए उसे मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया गया। वहां से अध्यादेश पर कुछ जिज्ञासा की गई, जिसे यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट भी करते हुए पुन: भेज दिया, लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी पीएचडी अध्यादेश पर राजभवन से कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई।

वीसी से की मुलाकात

हाल ही में लखनऊ यूनिवर्सिटी सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने भी इसको लेकर वीसी से मुलाकात की थी। वहीं, स्टूडेंट्स भी दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि राजभवन से मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू होगी।यूनिवर्सिटी ने पीएचडी अध्यादेश को बनाकर राजभवन भेज दिया था। वहां से कुछ ङ्क्षबदुओं पर जिज्ञासा थी, उसे भी स्पष्ट किया जा चुका है। उम्मीद है वहां से जल्द मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद पीएचडी दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।-प्रो। आलोक कुमार राय, वीसी, लखनऊ यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive