- 200 कोरोना वॉरियर्स दे चुके हैं अपना प्लाज्मा

- 180 गंभीर मरीज को अब तक दी जा चुकी है थेरेपी

- 70 फीसद है प्लाज्मा थेरेपी की सफलता की दर

हेडिंग-

- केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई में बना प्लाज्मा बैंक

- करीब 65 फीसद से ज्यादा केसेज में मिली सफलता

LUCKNOW: कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में कोरोना के गंभीर मरीजों पर ट्रायल के तौर पर शुरू की गई प्लाच्मा थेरेपी बेहद ही कारगर साबित हो रही है। यहां कई मरीज थेरेपी के बाद पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। प्लाच्मा थेरेपी की सफलता की दर करीब 65 से 70 फीसद देखने को मिल रही है। इसमें सबसे बड़ी संख्या में केजीएमयू के मरीज हैं, लेकिन प्लाच्मा डोनेशन में कमी एक बड़ी रूकावट के तौर पर सामने आ रही है। एक्सपर्ट का भी मानना है कि प्लाच्मा थेरेपी देने से गंभीर मरीजों में काफी सुधार हुआ है।

200 कोरोना विजेता प्लाज्मा डोनेट कर चुके

राजधानी में कोरोना को मात दे चुके कोरोना वारियर्स का सबसे पहला प्लाज्मा डोनेशन केजीएमयू में अप्रैल में शुरू हुआ था। साथ ही पहली थेरेपी भी इसी महीने शुरू हुई थी। केजीएमयू के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ। तूलिका चंद्रा बताती हैं कि अब तक 200 कोरोना विजेता अपना प्लाच्मा डोनेट कर चुके हैं। वहीं कुछ संस्थान और दूसरी जगहों पर करीब 180 लोगों को प्लाच्मा थेरेपी दी जा चुकी है। केजीएमयू में करीब 60 गंभीर मरीजों को प्लाच्मा थेरेपी दी जा चुकी है। इसमें 40 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं जबकि 20 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है। इनका फॉलोअप भी किया जा रहा है। हमारे यहां प्लाच्मा थेरेपी से ठीक होने वालों की दर करीब 65 से 70 फीसद के बीच है।

दूसरे संस्थानों को भी दिया प्लाच्मा

डॉ। तूलिका बताती हैं कि पीजीआई समेत कई अन्य निजी अस्पतालों को भी प्लाच्मा थेरेपी के लिए प्लाच्मा उपलब्ध कराया जा चुका है। जहां पीजीआई को 20, ओपी चौधरी को 45 और चंदन हॉस्पिटल को 40 प्लाच्मा उपलब्ध कराया जा चुका है, लेकिन ठीक हो चुके लोगों द्वारा प्लाच्मा डोनेशन की दर बेहद ही कम है। इसकी वजह से कई मरीजों को थेरेपी नहीं दे पा रहे हैं। लोगों को बिना डरे सामने आकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्लाच्मा डोनेट करने के लिए आगे आना चाहिए।

करीब 90 फीसद लोग हुए ठीक

लोहिया संस्थान के ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। सुब्रत चंद्रा ने बताया कि अभी तक उनके यहां 12 लोग अपना प्लाच्मा डोनेट कर चुके हैं और 12 मरीजों को थेरेपी भी दी जा चुकी है। इसमें से 10 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं बाकि दो लोगों को हाल ही में प्लाच्मा थेरेपी दी गई है। उनकी हालत में भी सुधार देखने को मिल रहा है। देखा जाए तो प्लाच्मा थेरेपी से करीब 90 फीसद लोग ठीक हो चुके हैं। यह एक कारगर थेरेपी साबित हो रही है। हालांकि साथ में मरीजों की इम्युनिटी भी इसमें मददगार साबित हो रही है।

करीब 45 मरीज हुए ठीक

पीजीआई के ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट के प्रो। अनुपम वर्मा ने बताया कि उनके यहां अबतक करीब 38 से ज्यादा लोग प्लाच्मा डोनेट कर चुके हैं। साथ ही करीब 58 मरीजों को प्लाच्मा थेरेपी दी गई है, जिसमें 5 दूसरे अस्पताल के मरीज शामिल हैं। इनमें संस्थान में भर्ती रहे करीब 45 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं बाकि मरीजों को ऑब्जर्व किया जा रहा है यानि करीब 75 फीसद लोग अबतक ठीक हो चुके हैं।

बाक्सह

संस्थान प्लाच्मा डोनेट थेरेपी डिस्चार्ज

केजीएमयू 200 60 40

लोहिया 12 12 10

पीजीआई 35 58 45

कोट

1. प्लाच्मा थेरेपी का अच्छा रिस्पांस मरीजों में देखने को मिल रहा है, लेकिन प्लाज्मा डोनेट करने वालों की संख्या बेहद कम है। लोग बिना डर के प्लाच्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं।

। डॉ। तूलिका चंद्रा, केजीएमयू

2. प्लाज्मा थेरेपी देने के साथ मरीजों की इम्युनिटी भी एक अहम रोल निभा रही है। हमारे यहां करीब 90 फीसद लोग ठीक हो चुके हैं।

। डॉ। सुब्रत चंद्रा, लोहिया संस्थान

3. प्लाच्मा केवल उन्हीं का लिया जा रहा है, जिनमें एंटीबॉडी मिल रही है। थेरेपी से काफी मरीज ठीक हुए हैं।

। डॉ। अनुपम वर्मा, पीजाआई

Posted By: Inextlive