45 लाख से अधिक जनसंख्या राजधानी की

5.67 लाख रजिस्टर्ड मकान

4 लाख से ज्यादा फ्लैट व मकान रजिस्टर्ड नहीं

2 सौ से ज्यादा अवैध कॉलोनी

12 लाख से ज्यादा किराएदार

20 फीसद का ही वेरीफिकेशन

- टेनेंट व सर्वेट वेरीफिकेशन के लिए बीट वाइज तय की जाएगी पुलिस की जिम्मेदारी

LUCKNOW : राजधानी में किराएदार बनकर रहने वाले अपराधियों पर जल्द पुलिस अपना शिकंजा कसने जा रही है। इसके लिए पुलिस नए बने अपार्टमेंट्स, कॉलोनियों संग गोमती नगर विस्तार और उसके आसपास के इलाकों में हर घर में जाकर किराएदारों को लेकर सर्वे करेगी और उनका डाटा अपने पास सुरक्षित रखेगी। पुलिस के इस कदम से राजधानी में पहचान बदलकर अपराधियों का छिपना मुश्किल हो जाएगा। इसके लिए बीट वाइज जिम्मेदारी तय की जाएगी।

पूर्वाचल के अपराधियों का सेफ जोन

पुलिस का मानना है कि गोमती नगर विस्तार, फैजाबाद रोड व शहीद पथ के आसपास बने अपार्टमेंट, नई बस्तियां एवं कॉलोनी पूर्वाचल के बदमाश के अपराधियों के लिए सेफ जोन बन रही हैं। यहां अपराधी बिना वेरीफिकेशन महंगे मकान किराए पर ले रहे हैं, ताकि उनकी जानकारी पुलिस तक न पहुंच सके।

सामने आ चुके हैं कई मामले

गोमती नगर विस्तार में पूर्वाचल के एक माफिया ने बिहार के डॉक्टर दंपत्ति को किडनैप कर के रखा था। जिलाबदर अजीत सिंह भी विस्तार के एक अपार्टमेंट में रह रहा था। मुख्तार का करीबी तारीक भी इस इलाके के एक अपार्टमेंट में चोरी छिपे रह रहा था।

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इन तरीकों से करा सकते हैं वेरीफिकेशन

टेनेंट व सर्वेंट वेरीफिकेशन के लिए पुलिस डिपार्टमेंट ने कई तरह की सुविधाएं दी हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में

- यूपी कॉप वेबसाइट पर जाकर टेनेंट व सर्वेट वेरीफिकेशन करा सकते हैं

- ऑनलाइन साइट पर फॉर्म डाउनलोड कर उसमें संबंधित डिटेल भर सकते हैं

- पुलिस ऑफिस डालीगंज में वेरीफिकेशन सेल बनाया गया है। यहां ऑनलाइन और ऑफलाइन फॉर्म भरकर फ्री ऑफ कास्ट वेरीफिकेशन करा सकते हैं

जन सुविधा केंद्र से भी कर सकते हैं आवेदन

जनसुविधा केंद्र पर पुलिस विभाग की सेवाओं को पाने के लिए आवेदक कर सकते हैं। यहां ई डिस्ट्रिक पोर्टल पर पुलिस सेवाओं से संबंधित ई-फॉर्म व अन्य दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। उसकेबाद आवेदन पत्र संबंधित विभागीय अधिकारी के पास ऑनलाइन भेजा जाता है।

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वेरीफिकेशन न कराने पर हो सकता है एक्शन

- मकान मालिक को एक माह का साधारण कारावास

- किराएदार दंगा-फसाद का कारण बनता है तो मकान मालिक को दंडित किया जा सकता है। एक हजार रुपए जुर्माना या एक माह का कारावास जो छह माह तक बढ़ाया जा सकता है। ये दोनों सजाएं भी उसे दी जा सकती हैं।

कांट्रेक्ट नहीं है वेरीफिकेशन

राजधानी में 80 फीसद लोग 10 या 100 रुपए के स्टांप पर किराएदारी का कांट्रेक्ट कर लेते हैं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह कांट्रेक्ट सिर्फ दोनों लोगों के बीच का समझौता होता है, इसे वेरीफिकेशन नहीं माना जाता है। वेरीफिकेशन में किराएदार का कैरेक्टर वेरीफाई किया जाता है। जबकि कांट्रेक्ट में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।

नहीं मिलते अपराधी

राजधानी में कई ऐसी वारदातें हुई हैं, जिसमें लोगों ने सर्वेट या टेनेंट का वेरीफिकेशन नहीं कराया और किराएदार इन लोगों के साथ ही लूट, हत्या आदि की घटना को अंजाम देकर चले गए। इनमें से बहुत से मामलों में आज भी पुलिस के हाथ खाली हैं। गाजीपुर इलाके में डॉक्टर के यहां हुई लूट की घटना में उन्हीं का नौकर शामिल था जो लुटेरों के साथ फरार हो गया। उसका भी वेरीफिकेशन नहीं कराया गया था।

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सर्वे ऐसे इलाकों में किया जाएगा, जहां सर्वाधिक किराएदार रहते हैं और वहां वेरीफिकेशन भी नहीं किया जाता है। ऐसे लोगों का थाना स्तर पर डाटा तैयार किया जाएगा। गोमती नगर विस्तार और नई कॉलोनियों में भी वेरीफिकेशन कराया जाएगा। सभी से अपील है कि अपने किराएदारों और नौकरों का वेरीफिकेशन जरूर कराएं।

डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर,खनऊ

Posted By: Inextlive