केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल कोरोना से प्रभावित फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ाने का काम मिलकर करेंगे। इसके लिए मार्डन मेडिसिन के साथ योगासन षट्कर्म एवं प्रणायाम आदि का भी सहारा लिया जाएगा।

लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना के मरीजों के फेफड़ों की कार्य क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों में कई समस्याएं आ रही हैं। एलोपैथी दवाएं फेफड़ों के लिए पूरी तरह कारगर नहीं साबित हो पा रही हैं।
एलोपैथी संग योग
केजीएमयू के रेस्पीरेट्री मेडिसिन के एचओडी डॉ सूर्यकांत ने बताया कि पिछले 7 माह से हर मंगलवार को विभाग में संचालित पोस्ट कोविड क्लीनिक में कई मरीज फेफड़ों से संबंधित समस्याएं लेकर आते हैं। मार्डन मेडिसिन से उपचार के बाद भी इनके फेफड़ों की कार्यक्षमता कमजोर बनी हुई है। इसे देखते हुए एक योजना केजीएमयू एवं बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ डॉ। नंद लाल यादव के साथ तैयार की गई है। जिसमें योगासन, षट्कर्म एवं प्रणायाम के द्वारा कोरोना से प्रभावित फेफड़ों संबंधित दिक्कतों को ठीक करने का प्रयास किया जाएगा।
स दिन मिलेगी सुविधा
इस परियोजना में केजीएमयू के डॉ सूर्यकांत व बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ डॉ नंद लाल यादव, सीनियर चेस्ट कंसलटेंट डॉ आनंद कुमार गुप्ता, योग प्रशिक्षक संजीव त्रिवेदी भी शामिल रहेंगे। जिन रोगियों को कोरोना के बाद फेफड़े संबंधी दिक्कतें आ रही हैं, वे प्रत्येक मंगलवार को केजीएमयू में एवं सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को बलरामपुर के आयुष विभाग में उपचार के लिए संपर्क कर सकते हैं।

ये समस्याएं आ रहीं
- सांस फूलना
- खासी का ठीक न होना
- चलने में भारीपन
- अचानक घबराहट
- बेचैनी और नींद न आना
- अचानक कमजोरी लगना

पोस्ट कोविड मरीजों में फेफड़ों की समस्या कम नहीं हो रही है। इसलिए एलौपैथी के साथ योगासन, षट्कर्म एवं प्रणायाम से ठीक करने का प्रयास किया जाएगा।
- डॉ सूर्यकांत, केजीएमयू

Posted By: Inextlive