कोई भी प्रत्याशी जो चुनावी मैदान में उतरने जा रहा है उसके पास नगर निगम से जारी एनओसी का होना जरूरी है। एनओसी से पता चलता है कि संबंधित व्यक्ति पर हाउस टैक्स का एक रुपया भी बकाया नहीं है। अगर है तो पहले उसे हाउस टैक्स जमा करना होता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। निकाय चुनाव का द्वंद शुरू हो चुका है। भले ही अभी टिकट जारी न हुए हों लेकिन ज्यादातर प्रत्याशी मैदान में आने को तैयार हो गए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उनकी ओर से नगर निगम से एनओसी प्राप्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है। सुबह से लेकर शाम तक निगम मुख्यालय से लेकर जोन कार्यालयों में संभावित प्रत्याशियों या उनके समर्थकों की लाइन लग रही है, जिससे जल्द एनओसी मिल जाए और वो नामांकन प्रक्रिया में शामिल हो सकें।एनओसी होती है जरूरी


कोई भी प्रत्याशी जो चुनावी मैदान में उतरने जा रहा है, उसके पास नगर निगम से जारी एनओसी का होना जरूरी है। एनओसी से पता चलता है कि संबंधित व्यक्ति पर हाउस टैक्स का एक रुपया भी बकाया नहीं है। अगर है तो पहले उसे हाउस टैक्स जमा करना होता है। हालांकि जो दिग्गज प्रत्याशी हैैं, वो इसे जानते हैैं और पहले ही हाउस और वॉटर टैक्स क्लीयर कर लेते हैैं, वहीं जो पहली बार चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय ले चुके हैैं, उनकी ओर से अब एनओसी के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। प्रक्रिया पूरी करने के बाद 24 घंटे के अंदर उन्हें एनओसी जारी भी कर दी जाती है।30 से 40 तब आवेदन

नगर निगम मुख्यालय समेत सभी आठ जोन कार्यालयों में एनओसी लेने के लिए रोज 30 से 40 आवेदन आ रहे हैैं। आवेदनों की संख्या को देखते हुए जोन कार्यालयों में विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे कोई भी आवेदन लंबित न रहे और जल्द एनओसी संबंधी प्रक्रिया पूरी कर दी जाए और प्रत्याशी या उसके समर्थक को एनओसी जारी कर दी जाए। यह भी स्पष्ट है कि जो नए वार्ड शामिल किए गए हैैं या जिन वार्डों का एरिया बढ़ा है, वहां से चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की ओर से ज्यादा आवेदन किए जा रहे हैैं। नामांकन प्रक्रिया 17 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी, ऐसे में हर कोई दो से तीन दिन के अंदर ही एनओसी प्राप्त करना चाहता है, जिससे उनका नामांकन रद न हो।हर वार्ड से पांच से छह प्रत्याशी

अभी प्रत्याशियों की तस्वीर साफ तो नहीं है लेकिन इतना क्लीयर है कि लगभग सभी वार्डों में पांच से छह प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरनेे का मन बना चुके हैैं। इसमें से कुछ तो पार्टी सिंबल से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैैं, वहीं कई निर्दलीय ही किस्मत आजमाएंगे। टिकट क्लीयर होने के बाद ही यह तस्वीर सामने आएगी कि कितने प्रत्याशियों को पार्टी सिंबल मिला और कितने प्रत्याशियों के हाथ निराशा लगी।

Posted By: Inextlive