- बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए अस्पतालों में डेडिकेटेड पीडियाट्रिककोविड वार्ड बनाने की तैयारी शुरू

LUCKNOW: कोरोना की पहली लहर सीनियर सिटीजन पर भारी पड़ी थी, वहीं दूसरी लहर में बड़ी संख्या में यंगस्टर्स को अपना निशाना बनाया है। अब आशंका जाहिर की जा रही है कि कोराना की तीसरी लहर बच्चों के लिए सर्वाधिक घातक होगी। इस खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। राजधानी के अस्पताल भी इसके लिए तैयार हो रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच अपने आप को किस तरह अस्पताल तैयार कर रहे हैं। जानते हैं अनुज टंडन की इस रिपोर्ट में

केजीएमयू

तैयार होगा 100 बेड का आईसीयू विंग

केजीएमयू के वीसी ले.जन। बिपिन पुरी ने बताया कि कोरोना की आशंकित थर्ड वेब को देखते हुए यहां युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। हमने 100 बेड की आईसीयू यूनिट पर काम शुरू कर दिया है। जिसमें 25 बेड वेंटिलेटर के, 25 एचएफनसी के और 50 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट वाले होंगे। मानसिक रोग विभाग को पीडियाट्रिक विभाग बनाया जाएगा। 15 दिन के अंदर ये सारा काम पूरा होने की उम्मीद है।

बाक्स

ये तैयारियां भी पूरी

- क्वीन मेरी अस्पताल में न्यू बॉर्न बेबी के लिए आईसीयू बनाया गया है।

महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ। डीएस नेगी ने बताया कि आशंका है कि थर्ड वेब का बच्चों पर ज्यादा असर होगा। इसे देखते हुए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। पूरी सूबे में पीडियाट्रिक विभाग को मजबूत किया जा रहा है। अगर आवश्यकता पड़ी तो नई तैनाती भी की जाएंगी।

कोट

लोकबंधु में100 बेड का पीआईसीयू बनाया जा रहा है। इसके अलावा गांवों में चार सीएचसी में 10-10 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनेगा। जरूरत पड़ने पर नई तैनाती भी की जाएगी।

डॉ। डीएस नेगी, महानिदेशक स्वास्थ्य

- कोई नवजात यदि पॉजिटिव होता है तो इसे देखते हुए 20 बेड की व्यवस्था।

- क्वीन मेरी को इमरजेंसी केस के लिए दो वेंटिलेटर दिए गए हैं।

कोट

मनोरोग विभाग में डेडिकेटेड पीडियाट्रिकविभाग बनाया जा रहा है। काम युद्ध स्तर पा जारी है। हम लोग इस काम में सबसे आगे रहेंगे, इसका पूरा विश्वास है।

ले.जन। डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू

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लोहिया संस्थान

30 से 50 बेड का चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड अस्पताल

लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ। श्रीकेश ने बताया कि कोरोना की थर्ड वेब को देखते हुए तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। हमारे पास 200 बेड का मातृत्व व शिशु रेफरल अस्पताल पहले से ही है, जिसे कोविड अस्पताल बनाया गया है। शुरुआत में 30 से 50 बेड का चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है। जिसमें आईसीयू, एनआईसीयू, पीडियाट्रिक आईसीयू आदि की सुविधा मिलेगी।

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ये तैयारियां शुरू

- 0 से 28 दिन के बच्चों के लिए एनआईसीयू वार्ड।

- 9 से 12 साल के बच्चों के लिए पीआईसीयू वार्ड।

- कितने डॉक्टर्स और स्टॉफ की जरूरत होगी इसका खाका तैयार हो रहा है।

कोट

थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए पीडियाट्रिक डेडिकेटेड कोविड वार्ड बनाने का खाका तैयार किया जा रहा है। जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर होने के कारण कोई दिक्कत नहीं आएगी।

डॉ। श्रीकेश सिंह, प्रवक्ता, लोहिया संस्थान

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पीजीआई

पीडियाट्रीक बैकग्राउंड की टीम है

पीजीआई के निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि हम 100 बेड का डेडिकेटेड पीडियाट्रिक विंग बना रहे हैं। इसमें आधे बेड आईसीयू और आधे एचडीयू के होंगे। यहां पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट नहीं है ऐसे में जिन डॉक्टर्स का पीडियाट्रिक बैकग्राउंड है, उनके साथ अन्य स्टॉफ को ट्रेनिंग देने का काम जल्द शुरू होगा। कोरोना की थर्ड वेब से बच्चों को बचाने के लिए एक डेडिकेटेड टीम तैयार की जाएगी।

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ये तैयारियां शुरू

- पीडियाट्रिक बैकग्राउंड के 21 कंसल्टेंट और 31 रेजीडेंट्स को तैयार किया जा रहा है।

- आरसीएच के 322 बेड में से एक तिहाई बेड पीडियाट्रिक के लिए रखे जाएंगे।

- बच्चों के लिए सभी जरूरी मेडिकल सामान के साथ उनके मनोरंजन की भी व्यवस्था होगी।

कोट

आरसीएच में ही एक तिहाई बेड का पीडियाट्रिक विभाग बनाया जा रहा है। जिसके लिए जरूरी ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा। हम लोग समय रहते सारी तैयारी पूरी कर लेंगे।

प्रो। आरके धीमन, निदेशक, पीजीआई

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लोकबंधु कोविड अस्पताल

100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू

अस्पताल के एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि थर्ड वेब की आशंका को देखते हुए अस्पताल में बच्चों का वार्ड बनवाया जा रहा है। जिसमें 16 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू भी होगा। वहां जो वेंटिलेटर होंगे वह हमारे पास पहले से हैं, बस कुछ आइटम आने हैं वे भी एक सप्ताह में आ जाएंगे। हमारे पास 8 पीडियाट्रिशियंस हैं, जबकि पूरी विंग चलाने के लिए 5 और पीडियाट्रिशियंस की जरूरत होगी। यहां 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का निर्णय लिया जा चुका है।

बाक्स

ये तैयारियां शुरू

- सिविल और बलरामपुर अस्पताल से पीडियाट्रिशियंस को भेजा जाएगा।

- पूरे स्टॉफ को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी और एक सप्ताह में विंग तैयार हो जाएगी।

- 18 बेड के गायनी विभाग को बढ़ाकर 100 बेड का किया जाएगा। जिसमें आधुनिक ओटी भी होगी।

कोट

सौ बेड का डेडिकेटेड पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट बनाया जा रहा है। इसकी तैयारी अंतिम दौर में है। डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। बच्चों को ध्यान में रखते हुए वार्ड बनाया जा रहा है।

डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी, एमएस, लेाकबंधु अस्पताल

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हर स्तर पर हो रही तैयारी

Posted By: Inextlive