- अनुशासनहीनता पर सपा में पहली बार सख्त निर्णय

- बागी तेवर अपनाने वाले कई अन्य नेता भी राडार पर

LUCKNOW: समाजवादी पार्टी में कलह बढ़ी तो बागी तेवर अपनाने वाले कई युवा नेता कार्रवाई की जद में आते चले गये। टीम अखिलेश के ज्यादातर चेहरे शीर्ष नेतृत्व की आंखों में चुभे तो ऑपरेशन क्लीन शुरू हो गया। शनिवार का घटनाक्रम 'आग में घी' सरीखा रहा। टीम शिवपाल के चेहरों पर मुस्कान आई तो टीम अखिलेश को एक बार फिर मायूस होना पड़ा। बर्खास्त युवा पदाधिकारियों की वापसी के सारे रास्ते बंद हो गये, यह भी साफ हो गया कि संगठन में अब शिवपाल सिंह यादव की ही चलेगी। जानकारों की माने तो अब सपा में सुलह के सारे रास्ते बंद हो चुके है, कोई चमत्कार ही पार्टी को दो-फाड़ होने से बचा सकता है।

कई एमएलसी हो चुके बर्खास्त

पार्टी की कलह में अपने सियासत चमकाने का प्रयास करने वाले पांच एमएलसी अब तक बर्खास्त हो चुके हैं। इसकी शुरुआत विगत 18 सितंबर को रामगोपाल यादव के सगे भांजे एवं एमएलसी अरविंद यादव की बर्खास्तगी से हुई थी। उन्हें मुलायम का आवास घेरने के आरोप में हटाया गया था। इसके अगले दिन ही इसी आरोप में तीन युवा एमएलसी सुनील यादव साजन, आनंद भदौरिया व संजय लाठर को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके अलावा मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे, प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव तथा छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया। इसके विरोध में लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने शिवपाल सिंह यादव को कलह का जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पूरे प्रदेश से युवा विंग के पदाधिकारियों द्वारा इस्तीफा देने की होड़ लग गयी। शीर्ष नेतृत्व ने भी सभी इस्तीफे मंजूर कर साफ कर दिया कि इस बार अनुशासनहीनता करने वालों को बख्शा नहीं किया जाएगा।

पहली शतर् थी वापसी

इसके बाद शुरू हुए सुलह के प्रयास के दौरान युवा विंग के नेताओं की वापसी पहली शर्त बन गयी। खुद शिवपाल सिंह यादव ने कई मौकों पर कहा कि इसका फैसला पार्टी अध्यक्ष को करना है, वे उनके पास जाकर माफी मांग सकते हैं। इसके बावजूद युवा नेताओं की ओर से इसकी कोई पहल नहीं की गयी बल्कि जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट को उनका नया ठिकाना बन गया। वहीं शिवपाल ने भी संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया, जिसमें प्रवक्ताओं की संख्या भी बढ़ा दी गयी। कार्यालय सचिव एसआरएस यादव को हटा दिया गया तो उन्होंने जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में बैठना शुरू कर दिया। राजेंद्र चौधरी को भी इसके बाद दोबारा पार्टी मुख्यालय में नहीं देखा गया। मुख्यमंत्री ने भी वहां से दूरी बना ली और कुछ दिनों के लिए सीएम सिक्योरिटी भी हटाकर जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में तैनात कर दी गयी।

पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खासकर मुलायम सिंह यादव पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को बख्शा नहीं जा सकता है।

-शिवपाल यादव

सपा प्रदेश अध्यक्ष

मैंने मुलायम को परिवार का संरक्षक और मुखिया मानकर सच्चाई बताने वाला पत्र लिखा था। मैं अपने स्टैंड पर कायम हूं। कार्रवाई से कोई फर्क नहीं पड़ता है। गालियां देने वाले पार्टी के अंदर हैं और पत्र लिखकर सच बताने वाले बाहर।

- उदयवीर सिंह, एमएलसी

Posted By: Inextlive