- 4 हजार टीचर्स की लगाई गई ड्यूटी

- 1200 वित्तविहीन शिक्षक

- 12 फरवरी से करेंगे एग्जाम का बहिष्कार

- 2500 शिक्षकों की डिमांड की गई परिषद स्कूलों से

हेडिंग- यूपी बोर्ड एग्जाम से किनारा करेंगे प्राइवेट टीचर्स

- बोर्ड एग्जाम से पहले मांग पूरी न होने पर 12 से स्ट्राइक पर जाएंगे

- एमएलसी उमेश द्विवेदी ने शासन को भेजा लेटर, मांगें पूरी करने का बना रहे दबाव

LUCKNOW : यूपी बोर्ड परीक्षाओं के बड़े पेपर की शुरुआत होने के साथ ही उनके संचालन को लेकर समस्या सामने आना शुरू हो गई है। बोर्ड परीक्षा कराने के लिए सेल्फ फाइनेंस स्कूलों से लगाए गए कक्ष निरीक्षकों (शिक्षकों ) ने बोर्ड परीक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा का दी है। वित्तीय विहीन शिक्षक संघ ने ऐलान किया है कि यदि 11 फरवरी तक उन्हें मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन नहीं मिला तो 12 से वह परीक्षा का बहिष्कार करेंगे।

मुख्य परीक्षा से चार दिन पहले बहिष्कार की चेतावनी

यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मुख्य विषयों की परीक्षाएं 12 फरवरी से शुरू होनी हैं। इसमें 4 हजार से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें वित्तविहीन शिक्षकों की संख्या करीब 12 सौ है, लेकिन परीक्षा के चार दिन पहले ही अचानक वित्तविहीन शिक्षक संघ ने कार्य बहिष्कार की चेतावनी दे दी। इससे निपटने के लिए सेकंड सैटरडे होने के बाद भी डीआईओएस कार्यालय खोला गया। कार्य बहिष्कार की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए उनकी जगह परिषदीय स्कूलों के 2500 शिक्षकों की डिमांड की गई है।

कई बार मांगों को लेकर दिया जा चुका है आश्वासन

उत्तर प्रदेश माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा उप्र के महासचिव अजय सिंह ने बताया कि बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करने की चेतावनी के बाद शुक्रवार देर शाम डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा से बातचीत हुई थी। उन्होंने एक महीने के अंदर वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली जारी करने, मानदेय पर सीएम से बात करने और तदर्थ शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया था। साथ ही इसका कार्यवृत्त जारी करने के लिए कहा था, लेकिन 24 घंटे बाद भी कोई आदेश जारी नहीं हुआ। ऐसे में शिक्षक हड़ताल करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी उनकी मांगें पूरी करने का कई बार आश्वासन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।

Posted By: Inextlive