- राम और केवट प्रसंग ने लोगों को किया भावविभोर

- लोगों ने ऑनलाइन देखी रामलीला

LUCKNOW: श्रीराम लीला समिति ऐशबाग की ओर से रामलीला मैदान के तुलसी सभागार में चल रही लाइव ऑनलाइन रामलीला के चौथे दिन मंगलवार को राम और निषादराज मिलन प्रसंग ने लोगों को भाव विभोर किया। इसके अलावा राम वनवास, प्रजा विद्रोह, केवट राम संवाद, चित्रकूट गमन, सुमंत का अयोध्या प्रस्थान, दशरथ मरण, कैकेई भरत संवाद आदि लीलाओं ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया।

नृत्य प्रस्तुतियों ने मोहा मन

रामलीला के पूर्व कलाकारों ने लवली घिल्डियाल के नृत्य निर्देशन में श्रीराम स्तुति और देवी स्तुति पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया। इसी क्रम में जय रघुनंदन जय सिया राम गीत पर कलाकारों ने मनोरम नृत्य प्रस्तुत किया। मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के बाद राम स्तुति व दुर्गा स्तुति पर नृत्य प्रस्तुति ने ऑनलाइन देखने वाले दर्शकों को भगवती देवी दुर्गा की भक्ति सागर में डूबोया।

भरत कुटी में रहने चले जाते हैं

कार्यक्रम के समापन के बाद चौथे दिन की रामलीला की शुरुआत राम वनवास-प्रजा विद्रोह लीला के साथ हुई, जहां राम, लक्ष्मण व सीता दशरथ का आशीर्वाद लेकर वनवास के लिए प्रस्थान करते हैं। इस दौरान राज्य की प्रजा के विद्रोह करने पर समझाते हैं। सुमंत राम को लेकर आगे बढ़ते हैं तभी रास्ते में उन्हें निषादराज मिलते हैं। वह उनको लेकर नदी तट पर जाते हैं और जहां केवट मल्लाह अपनी नौका को लेकर आता है और वह उनके चरण पखार कर प्रसाद रूप में ग्रहण कर राम को नदी के पार कराता है। वहीं सुमंत के वापस लौटने के कुछ समय के बाद दशरथ प्राण त्याग देते हैं। इसके बाद भरत का वापस आना, कैकेई भरत संवाद, भरत द्वारा कैकेई त्याग और भरत कौशल्या संवाद लीला हुई। साथ ही भरत स्वयं वन में कुटी बनाकर रहने के लिए चले गये। इन्ही प्रसंगों के साथ रामलीला का समापन हुआ।

Posted By: Inextlive